तिरुचिरापल्ली, 20 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां श्रीरंगम में रामायण से जुड़े प्राचीन मंदिर श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की और विद्वानों से 'कंब' रामायण का पाठ सुना. प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के इस प्राचीन मंदिर में आनेवाले पहले प्रधानमंत्री है. उन्होंने इस दौरान पारंपरिक परिधान ‘वेष्टि’ (धोती) और ‘अंगवस्त्रम’ (शॉल) पहना था. उन्होंने हाथ जोड़कर भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा-अर्चना की. उनके आगमन पर पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका औपचारिक 'पूर्ण कुंभ' स्वागत किया गया.
यह रामायण से जुड़ा दक्षिण भारत का तीसरा मंदिर है जिसमें इस सप्ताह प्रधानमंत्री ने सोमवार को अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से पहले दर्शन और पूजन किया. मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के सत्यसाई जिले के ऐतिहासिक वीरभद्र मंदिर में पूजा-अर्चना की थी जिसका रामायण में जटायु प्रकरण के साथ अत्यधिक महत्व है. इसके बाद उन्होंने केरल के त्रिशूर में त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में दर्शन किए। यह मंदिर भगवान राम और उनके भाइयों से संबंधित है.
Blessed moments at the Sri Ranganathaswamy Temple. pic.twitter.com/0o0vrlOXUn
— Narendra Modi (@narendramodi) January 20, 2024
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को श्री रंगनाथस्वामी के दर्शन किए. उन्हें मंदिर के पुजारियों ने 'सदरी' प्रदान की. प्रधानमंत्री ने वैष्णव संत-गुरु श्री रामानुजाचार्य और श्री चक्रथाझवार को समर्पित कई 'सन्नाधि' (देवताओं के लिए अलग-अलग पूजास्थल) में प्रार्थना की. उन्होंने मंदिर में हाथी को भोजन देकर उसका आशीर्वाद भी प्राप्त किया. मंदिर के इष्टदेव को तमिल में ‘रंगनाथर’ के नाम से जाना जाता है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी की मूर्ति भगवान विष्णु का एक रूप है जिसकी पूजा मूल रूप से भगवान राम और उनके पूर्वजों ने की थी.
विभीषण ने जब भगवान श्रीराम से बहुमूल्य उपहार मांगा तो भगवान ने उन्हें यह मूर्ति भेंट की और इसकी पूजा करने को कहा था. भगवान रंगनाथ की मूर्ति को विभीषण के तत्वधान में दैवीय इच्छा के अनुसार श्रीरंगम मंदिर में स्थापित किया गया था. मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए श्री राम के आराध्य रंगनाथस्वामी से आशीर्वाद मांगा है. मंदिर में प्रधानमंत्री ने 'कंब' रामायण के छंद सुने जो रामायण के प्राचीन संस्करणों में से एक है. 'कंब' रामायण की रचना महान तमिल कवि कंबर ने 12वीं शताब्दी में की थी.
प्रधानमंत्री ने जिस मंदिर में दर्शन किए हैं उसका 'कंब' रामायण से गहरा संबंध है. श्रीरंगम मंदिर में ही कंबर ने सार्वजनिक रूप से अपनी रामायण प्रस्तुत की थी जो लोगों को खूब पसंद आई। कंबर को 'कवि चक्रवर्ती' के नाम से भी जाना जाता था. उस अवसर की स्मृति में आज भी एक 'मंटप' है जिसे 'कंब रामायण मंटपम' कहा जाता है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार, मोदी आज उसी स्थान पर बैठे थे जहां कवि कंबर ने पहली बार तमिल रामायण का गायन किया था. इससे तमिल, तमिलनाडु और श्री राम के बीच गहरे संबंध को बल मिला.
PM @narendramodi takes a holy dip at Ramanathaswamy temple in Rameshwaram, Tamil Nadu. PM Modi follows a 22-step purification process through 22 tirthas.@PMOIndia | #Rameshwaram pic.twitter.com/HzTFpsbl0l
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मंदिर की ओर से मोदी को पारंपरिक रूप से 'वस्त्रम' यानी शॉल और कपड़े भेंट किए गए. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि वस्त्रों को अयोध्या में श्री राम मंदिर ले जाया जाएगा जहां सोमवार को भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. श्रीरंगम मंदिर तमिलनाडु का एक प्राचीन वैष्णव मंदिर है और यह संगम युग का है. विभिन्न राजवंशों ने इस मंदिर का निर्माण और विस्तार किया. इस मंदिर के निर्माण में चोल, पांड्य, होयसल और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने योगदान दिया है। श्रीरंगम मंदिर कावेरी और कोल्लीदम नदी के संगम पर एक द्वीप पर स्थित है.
'दिव्य देशम' के 108 तीर्थस्थलों में से पहला माना जाने वाले श्रीरंगम मंदिर को 'बूलोगा वैकुंठम' या 'पृथ्वी पर वैकुंठम' के नाम से भी जाना जाता है. वैंकुठम भगवान विष्णु का शाश्वत निवास है. प्रधानमंत्री शनिवार को चेन्नई से यहां पहुंचे और मंदिर जाते समय उन्होंने लोगों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया. प्रधानमंत्री इसके बाद रामेश्वर के अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे.
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