गुवाहाटी, 23 जनवरी : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘‘निर्देश’’ पर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान मेघालय में एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत करने की ‘‘अनुमति नहीं दी गयी.’’ उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिए विश्वविद्यालय प्राधिकारियों को यह निर्देश दिया. राहुल ने असम-मेघालय सीमा पर अपनी यात्रा के दौरान एक बस से छात्रों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया , ‘‘मैं आपके विश्वविद्यालय में आना चाहता था और आपको संबोधित करना, आपको सुनना चाहता था. लेकिन भारत के गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री को फोन किया और मुख्यमंत्री कार्यालय ने विश्वविद्यालय नेतृत्व को फोन किया और कहा कि राहुल गांधी को छात्रों से बातचीत न करने दी जाए.’’
राहुल का मंगलवार की सुबह असम की सीमा से लगते मेघालय के री भोई जिले में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मेघालय में छात्रों, नागरिक समाज के सदस्यों और पार्टी नेताओं से अलग-अलग बातचीत करने का कार्यक्रम था. कांग्रेस ने सोमवार को दोपहर में निजी विश्वविद्यालय में इन कार्यक्रमों की घोषणा की लेकिन बाद में उन्हें एक होटल में आयोजित करने की जानकारी दी क्योंकि विश्वविद्यालय ने कार्यक्रमों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया. राहुल कांग्रेस की मणिपुर से मुंबई तक की न्याय यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं जिसने मंगलवार को असम में अपनी यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण के तहत मेघालय से इस राज्य में प्रवेश किया. यह भी पढ़ें : Babri Masjid: जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में बाबरी मस्जिद समर्थक नारे लगे
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी आता है या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि आप जिस भी व्यक्ति को सुनना चाहते हैं, आपको उसकी अनुमति दी जाए.’’ उन्होंने सड़क के किनारे खड़े छात्रों और युवाओं की सराहना करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी का यहां आना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है. यह आपके बारे में है कि आपको अपनी मर्जी के अनुसार सोचने तक नहीं दिया जा रहा है.’’ राहुल ने कहा, ‘‘आप यहां आए हैं क्योंकि आप उससे सहमत नहीं हैं जो मुख्यमंत्री करने का प्रयास कर रहे हैं. आप गुलाम असम को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और मुझे इस पर बहुत गर्व है.’’ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वे आपको गुलाम बनाना चाहते हैं लेकिन मैं जानता हूं कि कोई भी, ब्रह्मांड में कोई भी ताकत ऐसा नहीं कर सकती.’’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘यह केवल असम में ही नहीं, बल्कि भारत के हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में हो रहा है, जहां विद्यार्थियों को अपनी मर्जी के अनुसार सोचने तक नहीं दिया जा रहा है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप इस देश का भविष्य हैं और देश के लिए सर्वाधिक जरूरी यह है कि आप सभी को स्वतंत्र रूप से सोचने, स्वतंत्र रूप से भरोसा करने, स्वतंत्र रूप से कल्पना करने और वह जिंदगी जीने की अनुमति दी जाए जो आप चाहते हैं, न कि किसी और के हिसाब से आप ऐसा करें .’’ उन्होंने कहा कि युवाओं को ‘‘आंख बंद करके आज्ञाकारी’’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है. राहुल ने कहा कि युवाओं को अपनी सोच के अनुसार चलना चाहिए और ‘‘किसी को भी आपको ऐसे भारत की कल्पना करने या उसके बारे में सोचने से नहीं रोकना चाहिए जो आप चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी के भी द्वारा आपको अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी को पढ़ने लिखने से नहीं रोका जाना चाहिए, किसी को भी आपको अपनी परंपरा, संस्कृति या इतिहास के बारे में सुनने, पढ़ने से नहीं रोका जाना चाहिए.’’