मुंबई, 26 फरवरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में सत्ता की जरूरत होती है। अजित ने कहा कि उन्होंने अपनी विचारधारा से समझौता किये बगैर एक अलग राजनीतिक रुख अपनाया है।
पिछले साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने सोमवार को अपने समर्थकों को लिखे एक पत्र में साफ किया कि उनका उद्देश्य किसी को धोखा देना या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कभी नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी कार्यशैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समान लगती है, जिनके नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने राकांपा संस्थापक और अपने चाचा शरद पवार का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘मैंने अपनी विचारधारा से समझौता किए बिना एक अलग राजनीतिक रुख अपनाया है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब से मेरे नेतृत्व में राकांपा अपनी विकास योजनाओं को लागू करने के लिए काम करेगी और वरिष्ठ नेताओं की व्यक्तिगत आलोचना में शामिल नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष में भी रहा हूं। जब आप सत्ता में होते हैं, तो विकास कार्यों में तेजी आती है, जबकि विपक्ष में रहने पर बाधाएं आती हैं। इसलिए एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में काम करते समय आपको सत्ता की आवश्यकता होती है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
अजित पवार पिछले साल जुलाई में आठ अन्य राकांपा विधायकों के साथ राज्य की एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया था।
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