Punchh Attack: आतंकवादियों की तलाश जारी, मारे गये तीन लोगों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी की घोषणा
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जम्मू, 23 दिसंबर : जम्मू कश्मीर में सेना के दो वाहनों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के लिये बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है. इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गये थे. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन तीन लोगों के परिजनों को शनिवार को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की, जो पुंछ जिले में मृत पाए गए थे. पुंछ जिले में 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन लोग शुक्रवार को ‘रहस्यमय परिस्थितियों’ में मृत पाए गए थे.

मरने वालों के परिजनों एवं राजनीतिक नेताओं ने आरोप लगाया कि बृहस्पतिवार को घात लगा कर हुये हमले के सिलसिले में जिन आठ लोगों को सेना ने पकड़ा था, वे तीनों उनमें शामिल थे. उनका यह भी आरोप है कि चार लोगों को प्रताड़ित किए जाने के बाद एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारियों ने कहा कि नागरिकों के शवों को शनिवार दोपहर बफ़लियाज़ के कब्रिस्तान में दफनाया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि तलाश अभियान जारी है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, इसलिए अधिकारियों ने अफवाह फैलाने वालों को रोकने तथा किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर पुंछ और पड़ोसी राजौरी जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है. संघ शासित प्रदेश के जन संपर्क विभाग ने एक पोस्ट में ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘पुंछ जिले के बफलियाज में कल तीन लोगों के मारे जाने की खबर आयी. चिकित्सीय कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी है, और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.’’

इसमें कहा गया है, ‘‘मरने वाले सभी लोगों के लिये सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है. इसके साथ ही सरकार ने मरने वाले के निकटतम परिजन को नौकरी देने का भी ऐलान किया है.’ बृहस्पतिवार को ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गये जबकि दो अन्य घायल हो गये.

यह हमला तब हुआ जब सुरक्षाकर्मी थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में ढेरा की गली के सामान्य क्षेत्र में तलाश अभियान के लिए जा रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि हमले के तुरंत बाद, सुरक्षा बलों ने घने जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाश अभियान शुरू किया, जिसमें राजौरी का निकटवर्ती थानामंडी भी शामिल है. हालांकि, फरार आतंकवादियों का अब तक पता नहीं चल पाया है. शनिवार दोपहर ढेरा की गली इलाके में एक जंगल के अंदर गोलीबारी की आवाज सुनी गई.

सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों ने एक प्राकृतिक गुफा की जांच के दौरान यह गोली चलायी थी. सूत्रों ने बताया कि मरने वाले तीन लोगों के शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की सुबह उनके परिजनों को सौंप दिये गये. इनमें सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शैकत (27) और शबीर अहमद (32) शामिल हैं. मरने वालों में से एक के रिश्तेदार मोहम्मद सादिक ने फोन पर ‘पीटीआई- से कहा, ‘‘तीनों निर्दोष थे और सेना की हिरासत में यातना के कारण उनकी मौत हुयी है.’’

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