देश की खबरें | अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान समावेशी होना चाहिए : भारत

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के दो दिन बाद भारत ने शुक्रवार को कहा कि इस युद्धग्रस्त देश में कोई भी राजनीतिक समाधान समावेशी होना चाहिए तथा पिछले 19 वर्षों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक लाभ को बनाये रखना चाहिए ।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी और वहां सैन्य अभियान समाप्त करने के अमेरिका के फैसले को देखा है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘ भारत आगामी कदमों को लेकर अफगानिस्तान के पक्षकारों तथा हमारे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के सम्पर्क में है । ’’

उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ने और लक्षित हत्याओं को लेकर काफी चिंतित है और तत्काल एवं समग्र संघर्षविराम का आह्वान करता है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अभी जारी अंतर अफगान शांति प्रक्रिया पर करीबी नजर रखे हुए हैं । अफगानिस्तान के लोगों ने चार दशकों से अधिक समय तक युद्ध और अशांति देखी है और वे टिकाऊ शांति एवं विकास के हकदार हैं । ’’

बागची ने अमेरिका की घोषणा के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में यह बात कही ।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत का यह मत है कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया अफगानिस्तान नीत, अफगानिस्तान के स्वामित्व और उसके नियंत्रण वाली होनी चाहिए । कोई भी राजनीतिक समाधान समावेशी होना चाहिए तथा पिछले 19 वर्षों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक लाभ को बनाये रखना चाहिए ।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ भारत एकजुट, लोकतांत्रिक और सम्प्रभु अफगानिस्तान का समर्थन करता है । हम अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ने और लक्षित हत्याओं को लेकर काफी चिंतित है । भारत तत्काल एवं समग्र संघर्षविराम का आह्वान करता है ।’’

बागची ने कहा कि भारत ने दोहा सम्मेलन, जिनेवा सम्मेलन तथा हार्ट आफ एशिया सम्मेलन में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में हिस्सा लिया । भारत अगले कदमों को लेकर अफगानिस्तान के पक्षकारों तथा हमारे क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के सम्पर्क में है ।

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