
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा चुका है. कांग्रेस, बीजेपी, और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सत्ता की जंग दिलचस्प होती जा रही है. आम आदमी पार्टी जहां चौथी बार सत्ता में लौटने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस भी लंबे सियासी वनवास को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं.
जनता को रिझाने के लिए तीनों पार्टियां नए-नए वादों और योजनाओं की घोषणाएं कर रही हैं. इस बीच, बीजेपी ने घोषणा की है कि मंगलवार, 21 जनवरी 2025 को पार्टी अपने संकल्प पत्र के दूसरे भाग को जारी करेगी.
युवाओं पर होगा बीजेपी का फोकस
मंगलवार सुबह 11 बजे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दिल्ली में बीजेपी का संकल्प पत्र पार्ट 2 जारी करेंगे. छात्रों और युवाओं के लिए कई घोषणाएं होने की संभावना है. कॉलेज शिक्षा के लिए लोन गारंटी. रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए नई योजनाओं का ऐलान किया जा सकता है.
शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के वादे किए जा सकते हैं. युवाओं को मेट्रो और बसों में रियायतें देने की योजना का भी ऐलान संभव है.
पहले भाग में महिलाओं पर ध्यान
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारी सरकार बनी तो महिला समृद्धि योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लागू जनकल्याण की योजनाओं को भी जारी रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना 5 रुपये की राशि में 5 लाख रुपये और जोड़ा जाएगा. इसी तरह, प्रधानमंत्री वय वंदन योजना की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाएगा.
महिलाओं के लिए सौगात
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया है कि दिल्ली में बिजली-पानी और महिलाओं के लिए बस यात्रा फ्री रहेगी. महिला समृद्धि योजना के तहत महिला समृद्धि योजना के तहत बीजेपी दिल्ली की महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये दी जाएंगी. वहीं, गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी जबकि होली और दिवाली में एक-एक गैस सिलेंडर फ्री दिया जाएगा.
चुनाव की तारीखें
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी 2025 को होगा, और नतीजे 8 फरवरी 2025 को आएंगे.
अरविंद केजरीवाल की पार्टी चौथी बार सत्ता में आने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां दिल्ली के मतदाताओं को फिर से अपनी तरफ लाने के लिए नए वादों और योजनाओं पर निर्भर हैं.