मंगलुरू (कर्नाटक), दो सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां करीब 3,800 करोड़ रुपये की मशीनीकरण और औद्योगीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं में न्यू मंगलुरु बंदरगाह प्राधिकरण (एनएमपीए) द्वारा शुरू किए गए बर्थ (जहाज के रुकने के स्थान) के मशीनीकरण के लिए 280 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना भी शामिल है।
उन्होंने बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई करीब 1,000 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलुरू रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा शुरू की गई दो परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जो बीएस 6 उन्नयन परियोजना और विलवणीकरण संयंत्र से संबंधित है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विलवणीकरण संयंत्र से ताजे पानी पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी वहीं पूरे वर्ष हाइड्रोकार्बन और पेट्रोकेमिकल्स की नियमित आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी।
बयान में कहा गया है कि प्रति दिन तीन करोड़ लीटर की क्षमता वाला यह संयंत्र समुद्र के पानी को तेलशोधकों के लिए आवश्यक पानी में परिवर्तित करेगा।
इस मौके पर केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि एनएमपीए 'समुद्री भारत विजन 2030' के तहत बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएमपीए 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा संचालित बंदरगाह है और इसे शून्य उत्सर्जन को लेकर कई पुरस्कार मिले हैं।
सोनोवाल ने कहा कि कर्नाटक 15,000 करोड़ रुपये की 55 परियोजनाओं के साथ 'सागरमाला' की सफलता में एक प्रमुख हितधारक है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि नयी परियोजनाओं से नए मंगलुरू बंदरगाह की क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “एक नया एलपीजी टर्मिनल, बिटुमेन और खाद्य तेल भंडारण केंद्र तैयार हो रहा है। राज्य का बड़ा विकास तटीय कर्नाटक के जरिए हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि 'डबल इंजन सरकार' के कारण, "सागरमाला" परियोजना के तहत 18 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं वहीं तटीय कर्नाटक के समग्र विकास के लिए नौवहन मंत्रालय द्वारा 950 करोड़ रुपये की 14 नयी परियोजनाओं के लिए मंजूरी दी गई है
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के व्यवसायी जानते हैं कि जो लाभ केरल और गोवा को प्राप्त हैं, वे कर्नाटक को उपलब्ध नहीं हैं। हमने 30 वर्षों तक संघर्ष किया। प्रधानमंत्री मोदी की मंगलुरु यात्रा के कारण, हमारे सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) मास्टरप्लान को मंजूरी मिल गई... कर्नाटक की यह लंबे समय से लंबित मांग थी।’’
बोम्मई ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए मत्स्य विभाग की मंजूरी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार केंद्र गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए उच्च गति वाली 100 नौकाओं की खरीद की खातिर 40 प्रतिशत की सब्सिडी दे रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र के समग्र विकास में मदद मिल सकेगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)