खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए फाइजर तथा उसके सहयोगी बायोएनटेक से पूर्व नियोजित कार्यक्रम से पहले ही आवेदन करने के लिए कहा था. देश में पांच साल तक के आयुवर्ग के 1.9 करोड़ बच्चे ही कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के योग्य नहीं है. कई अभिभावक बच्चों को भी टीके लगाने पर जोर दे रहे हैं खासतौर से ऐसे वक्त में जब ओमीक्रोन संक्रमण के कारण रिकॉर्ड संख्या में बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अगर एफडीए स्वीकृति देता है तो फाइजर के टीके छह महीने तक के बच्चे को भी लगाए जा सकते हैं. इन टीकों की खुराक वयस्कों को दी जाने वाली खुराक का दसवां हिस्सा है. फाइजर ने बुधवार को कहा कि उसने एफडीए को आंकड़ें देना शुरू कर दिया है और उसे कुछ दिनों में यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है.
एक प्रमुख सवाल यह है कि इन बच्चों को कितनी खुराक देने की आवश्यकता होगी. प्रारंभिक जांच में शिशुओं के लिए दो खुराकें पर्याप्त मानी गयी लेकिन स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए यह पर्याप्त नहीं मानी गयी. फाइजर तीन खुराकों की जांच कर रहा है और अंतिम आंकड़ें मार्च अंत तक आने की उम्मीद है. एफडीए ने ओमीक्रोन से अधिक संख्या में बच्चों के संक्रमित होने के कारण फाइजर से आवेदन देने के लिए कहा था. एजेंसी की एक प्रवक्ता ने बताया कि पांच साल तक की आयु के बच्चों में ओमीक्रोन स्वरूप के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. यह भी पढ़ें : Mumbai COVID Guidelines: मुंबई में नाइट कर्फ्यू खत्म, थीम पार्क, स्वीमिंग पूल 50 फीसदी क्षमता के साथ खुले- जानें और कहां मिली राहत
एफडीए का अंतिम फैसला कुछ महीनों के भीतर आ सकता है लेकिन यह एकमात्र बाधा नहीं हैं. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र से भी मंजूरी लेनी होगी. राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीके की खुराक को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश कर रहा है. उसकी दलील है कि स्कूलों को फिर से खोलने तथा उन्हें खुला रखने के लिए इस आयु वर्ग का टीकाकरण महत्वपूर्ण है.