विदेश की खबरें | सभी देशो के लोग हथियारों को शांत करें और विभाजन को रोकें : पोप फ्रांसिस
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

पोप का ‘उर्बी एट ओर्बी’ (शहर और विश्व के लिए) संबोधन इस वर्ष विश्व के समक्ष उपस्थित समस्याओं का सारांश है। इस साल क्रिसमस 2025 पवित्र वर्ष समारोह की शुरुआत के साथ मनाया जा रहा है। पोप ने इस वर्ष को उम्मीद के लिए समर्पित किया है। उन्होंने व्यापक सामंजस्य का आह्वान किया, ‘‘यहां तक ​​कि हमारे दुश्मनों के साथ भी।’’

पोप ने सेंट पीटर्स बेसिलिका में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं प्रत्येक व्यक्ति और सभी देशों के लोगों को आमंत्रित करता हूं कि वे उम्मीद के सहयात्री बनें, हथियारों की आवाज को शांत करें और विभाजन को दूर करें।’’

पोप ने सेंट पीटर्स बेसिलिका के पवित्र द्वार पर प्रार्थना किया, जिसे उन्होंने 2025 के शुभारंभ के लिए क्रिसमस की पूर्व संध्या पर खोला था। पोप ने इसे ईश्वर की दया का प्रतीक बताया, जो (दया) ‘‘हर गांठ को खोलती है; यह विभाजन की हर दीवार को गिरा देती है; यह घृणा और बदले की भावना को दूर करती है।’’

उन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेन और पश्चिम एशिया में हथियारों को खामोश करने का आह्वान किया तथा इजराइल और फलस्तीनी क्षेत्रों में ईसाई समुदायों का विशेष रूप से उल्लेख किया, ‘‘विशेष रूप से गाजा में जहां मानवीय स्थिति अत्यंत गंभीर है,’’ साथ ही लेबनान और सीरिया का भी जिक्र किया जो ‘‘इस समय सबसे नाजुक अवस्था में है।’’

और इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु वेटिकन सिटी के विश्वप्रसिद्ध सेंट पीटर्स गिरजाघर में प्रवेश के लिए पवित्र द्वार के बाहर कतार में नजर आए।

एक अनुमान के मुताबिक पवित्र वर्ष के दौरान 3.2 करोड़ श्रद्धालुओं के रोम पहुंचने की उम्मीद है।

मान्यता के मुताबिक, पवित्र द्वार से गुजरने वाले श्रद्धालु को उसके पापों के लिए क्षमा मिल सकती है। इस परंपरा की शुरुआत 1300 ईसवी में हुई थी और हर 25 साल पर पवित्र वर्ष आता है।

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, पोप फ्रांसिस ने दरवाजा खटखटाया और सबसे पहले पवित्र द्वार से अंदर आए, तथा 2025 की शुरुआत का उद्घोष किया, जिसे उन्होंने आशा को समर्पित किया।

जर्मनी में क्रिसमस बाजार पर हुए घातक हमले के बाद सुरक्षा संबंधी नई आशंकाओं के बीच श्रद्धालु पवित्र द्वार में प्रवेश करने से पहले कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरे। कई श्रद्धालु गुजरते समय दरवाजे को छूने के लिए रुके और रोमन कैथोलिक चर्च के संस्थापक सेंट पीटर को समर्पित गिरजाघर में प्रवेश करने पर ‘क्रॉस’ का चिह्न बनाकर प्रार्थना की।

यहूदी धर्म का आठ-दिवसीय प्रकाशोत्सव हनुक्का भी इस वर्ष क्रिसमस के दिन से शुरू हो रहा है। वर्ष 1900 के बाद से अब तक केवल चार बार ऐसा हुआ है।

दोनों धर्मों के त्योहार एक साथ पड़ने से कुछ धार्मिक नेता अंतरधार्मिक समारोहों के आयोजन के लिए प्रेरित हुए हैं, जैसे कि पिछले सप्ताह ह्यूस्टन, टेक्सास में कई यहूदी संगठनों द्वारा आयोजित चिकनुका पार्टी, जिसमें शहर के लातीनी और यहूदी समुदाय के सदस्य एकत्रित हुए थे।

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