शरद पवार ने राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा पर राजनीति की आलोचना की, असमानता के लिए ‘मनुस्मृति’ को जिम्मेदार ठहराया
Sharad Pawar Photo Credits: File Image

मुंबई, 7 नवंबर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार (Sharad Pawar) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नजदीक आने के साथ ही देश में राजनीति तेज हो गई है और सत्ता में बैठे लोग इसे जनता के सामने सबसे अहम कार्यक्रम के तौर पर पेश कर रहे हैं. पवार ने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि समाज में असमानता प्राचीन ग्रंथ ‘मनुस्मृति’ के कारण बढ़ी है.

उन्होंने कहा कि अगर यह कहा जाए कि ‘वर्ण’ व्यवस्था ने हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचाया है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में मंदिर (राम) पर राजनीति शुरू हो गई है. इसके लिए जनमत तैयार करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं. राम मंदिर (प्राण प्रतिष्ठा समारोह) के लिए तारीखों की घोषणा कर दी गई है.’’ राज्य सभा के सदस्य पवार ने कहा कि मंदिर के बारे में अथवा भगवान राम के लिए लोगों की आस्था को लेकर शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं है. यह भी पढ़ें : ‘मनुस्मृति से समाज में असमानता बढ़ी है, जाति व्यवस्था ने हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचाया: शरद पवार

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन सत्तारूढ़ लोग इसे जनता के सामने ऐसे पेश कर रहे हैं कि यही एक सबसे जरूरी चीज है. मुझे लगता है कि यह उचित नहीं है.’’ शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. ठाकरे ने कहा कि उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़े हैं लेकिन हिंदुत्व के साथ नहीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदुत्व का भाजपा संस्करण उन्हें स्वीकार्य नहीं है.