विदेश की खबरें | पाकिस्तान : कॉलेज में छात्रा से दुष्कर्म के खिलाफ छात्रों का आंदोलन पूरे पंजाब प्रांत में फैला
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

लाहौर, 15 अक्टूबर पाकिस्तान में लाहौर के एक कॉलेज में एक छात्रा से कथित दुष्कर्म की घटना को लेकर बड़ी संख्या में छात्रों ने पंजाब प्रांत की नेशनल असेंबली के बाहर मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने लाहौर के एक कॉलेज में छात्रा से बलात्कार मामले, पंजाब महिला कॉलेज में उत्पीड़न की घटना और हाल ही में छात्राओं के खिलाफ हुई हिंसा की जांच के लिए एक समिति के गठन की मांग की, जिसमें स्वतंत्र मानवाधिकार निकायों के सदस्य, छात्र प्रतिनिधि और न्यायाधीश शामिल हों।

इस बीच, लाहौर के कॉलेज में छात्रा से कथित दुष्कर्म की घटना के खिलाफ छात्रों का आंदोलन पंजाब प्रांत के अन्य शहरों में भी फैल गया।

पंजाब ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के कम से कम चार परिसरों में सोमवार सुबह उस समय विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जब सोशल मीडिया पर खबरें आईं कि लाहौर के गुलबर्ग गर्ल्स कॉलेज की एक छात्रा के साथ संस्थान के ‘बेसमेंट’ में एक सुरक्षा गार्ड ने कथित तौर पर बलात्कार किया।

पुलिस ने दावा किया कि संदिग्ध उसकी हिरासत में है, लेकिन उसने पूछताछ के दौरान सभी आरोपों से इनकार किया है।

पंजाब प्रांत की सूचना मंत्री उज्मा बुखारी ने दावा किया कि किसी भी कॉलेज के परिसर में बलात्कार की कोई घटना नहीं हुआ है।

बुखारी ने कहा, “लाहौर और पंजाब को “कॉलेज परिसर में बलात्कार की घटना की झूठी खबर फैलाकर” निशाना बनाया जा रहा है।”

घटना को लेकर पंजाब प्रांत के मुल्तान, वेहारी, जफरवाल, जहानिया और फैसलाबाद शहर में मंगलवार को बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए। लाहौर में प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव के बैनर तले आयोजित रैली में शहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया।

छात्रों ने मांग की, “उत्पीड़न विरोधी कानूनों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। इनसे जुड़ी जानकारी को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।”

मुल्तान में पंजाब कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई छात्रों को गिरफ्तार करना पड़ा, जबकि जफरवाल में प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्य जीटी रोड पर टायर जलाकर सड़कें अवरुद्ध कीं।

सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़प में कम से कम 28 छात्र-छात्राएं घायल हुई थीं।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने घटना पर पर्दा डालने के प्रयास में परिसर में और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी है।

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