Imran Khan Arrest: इमरान खान हुए गिरफ्तार, भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल जेल की सजा
खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हिंसक विरोध प्रदर्शन और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के कई आरोप शामिल हैं. तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था. ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाये जाने और तीन साल जेल की सजा सुनाये जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. अदालत के इस फैसले के बाद खान पांच साल तक कोई भी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे. इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान (70) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा.
खान को 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान राजकीय तोहफे अवैध रूप से बेचने का दोषी ठहराया गया. अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘राष्ट्रीय खजाने से हासिल लाभ को जानबूझ कर और इरादतन छिपाने के भ्रष्ट आचरण को लेकर खान को दोषी पाया गया है. तोशाखाना से लिये गये तोहफों के बारे में सूचना मुहैया करने में उन्होंने धोखेबाजी की। उनकी बेईमानी संदेह से परे साबित हुई है.’’ Imran Khan Arrest: इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ अपील, लाहौर कोर्ट पहुंचे पूर्व पीएम के रिश्तेदार
तोशाखाना, कैबिनेट प्रभाग के तहत एक विभाग है जो शासकों और सरकारी अधिकारियों को अन्य सरकारों व विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा दिये गये तोहफों को संग्रहित रखता है. क्रिकेटर से राजनेता बने खान को अदालत ने निर्वाचन अधिनियम,2017 की धारा 174 के तहत तीन साल की सामान्य कारावास की सजा सुनाई.
शनिवार को आया अदालत का फैसला इन आरोपों पर आधारित है कि खान ने विदेशी गणमान्य लोगों से प्राप्त तोहफों और उनकी कथित बिक्री से प्राप्त धन के गलत विवरण घोषित किये. खबरों के अनुसार, खान को प्रधानमंत्री के रूप में अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान 14 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के 58 तोहफे मिले और उन्होंने उन सभी को बहुत कम राशि का भुगतान कर या बगैर किसी रकम की अदायगी किये अपने पास रख लिया.
इनमें हीरा जड़ित एक घड़ी, एक अंगूठी, एक कलम और कई घड़ियां शामिल हैं. न्यायाधीश दिलावर ने अपने फैसले में लिखा, ‘‘उनकी बेईमानी संदेह से परे साबित हुई है.’’ खान की पार्टी के प्रवक्ता जुल्फी बुखारी ने व्हाट्सऐप के जरिये पत्रकारों को बताया कि खान को संविधान के तहत कोई भी सार्वजनिक पद ग्रहण करने से पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया है.
पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के 12 अगस्त को अपना कार्यकाल पूरा करने और देश के आम चुनावों की ओर बढ़ने के दौरान यह अप्रत्याशित घटनाक्रम हुआ है. खान के परिवार ने बताया कि अदालत के फैसले के बाद उन्हें लाहौर में उनके जमान पार्क स्थित आवास से इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया.
पंजाब के सूचना मंत्री आमिर मीर ने एक बयान में कहा कि खान को पुलिस इस्लामाबाद ले जा रही है. खान की पार्टी की कानूनी टीम ने कहा कि उन्हें हेलीकॉप्टर से इस्लामाबाद ले जाया जा रहा है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्लाह तरार ने खान की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "यह बाद में तय किया जाएगा कि उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा जाएगा या कहीं और.”
शनिवार को आये अदालत के फैसले के बाद, खान कोई भी सार्वजनिक पद पांच साल तक ग्रहण करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 63(1)(एच) के तहत तकनीकी रूप से अयोग्य हो गये हैं. हालांकि, उनके पास इस फैसले के खिलाफ अपील देने का अधिकार है. खान की कानूनी टीम ने कहा कि वे तुरंत एक अपील दायर करने जा रहे हैं.
खान ने शनिवार को पहले से रिकॉर्ड किये गए एक वीडियो में कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘प्रत्याशित’ थी. इसमें उन्होंने अपने समर्थकों से चुप नहीं बैठने तथा अपने अधिकारों और आजादी के लिए आगे आने की अपील की.
खान ने ट्विटर पर पूर्व में रिकॉर्ड किये गए एक बयान में कहा, ‘‘जब तक यह वीडियो आप तक पहुंचेगा, मैं गिरफ्तार कर लिया जाऊंगा और जेल में रहूंगा...यही वजह है कि मैंने आप सभी से एक अनुरोध...एक अपील की है...आपको अपने घर पर चुप नहीं बैठना चाहिए. मेरी यह कोशिश मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरे लोगों, मेरे समुदाय, आपके लिए है. मैं यह आपके लिए कर रहा हूं. मैं आपके बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए यह कर रहा हूं.’’
पिछले उदाहरणों के विपरीत, खान को बिना किसी बड़े प्रतिरोध के शनिवार को हिरासत में लिया गया.
उन्हें नौ मई को इस्लामाबाद में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके समर्थकों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था.
खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हिंसक विरोध प्रदर्शन और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के कई आरोप शामिल हैं. तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था. ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया. ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘‘झूठे बयान और गलत जानकारी’’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
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