नयी दिल्ली, दस अगस्त पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पहली बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल आरंभ कराया और सवाल पूछने के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरई का नाम पुकारा। इसी दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।
हंगामे के बीच ही विद्युत मंत्री आर के सिंह ने जलविद्युत परियोजना से जुड़े कुछ सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब दिए।
इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने कैंसर, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए।
इस बीच, उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
सुबह, बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। आसन की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखे। कुछ सदस्यों ने एक ही मंत्री द्वारा विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने को लेकर आपत्ति जताई। इस पर सभापति ने कहा कि यह व्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से की गई है और यह स्थायी व्यवस्था नहीं है।
इसके बाद सभापति ने सदन को सूचित किया कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया गया था जिस पर सवाल और स्पष्टीकरण पूछे जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सदन में आज कृषि संबंधी समस्याएं और उनके समाधान के मुद्दे पर एक अल्पकालिक चर्चा निर्धारित है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा बड़ा है, महत्वपूर्ण है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।
इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने कहा ‘‘संसद के मानसून सत्र की आज 16वीं बैठक है और हर दिन औसतन एक घंटे ही कामकाज हो पा रहा है। किसानों का मुद्दा महत्वपूर्ण है जिस पर आज चर्चा सूचीबद्ध है। अगर चर्चा नहीं होने दी जाएगी तो यह संदेश जाएगा कि सदन को किसानों की चिंता नहीं है।’’
सभापति ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने और व्यवधान न डालने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने बैठक शुरू होने के महज दस मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, दस्तावेज पटल पर रखवाते समय एक मंत्री के सदन में उपस्थित नहीं रहने पर सभापति ने कहा कि मंत्रियों को समय पर सदन में आ जाना चाहिए और मौजूद रहना चाहिए।
उन्होंने सदन के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी से इस मामले का संज्ञान लेने का कहा।
दरअसल, सभापति ने दस्तावेज पटल पर रखने के लिए संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का नाम पुकारा था लेकिन वह उस वक्त सदन में मौजूद नहीं थे।
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