नयी दिल्ली, 23 मार्च कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
दोनों सदनों की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित होने के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर में मार्च करते हुए भीमराव आंबडेकर की प्रतिमा के समक्ष एकत्र हुए। उन्होंने जेपीसी की मांग को लेकर और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार अडाणी मामले में जेपीसी गठित करने की मांग स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। अगर जेपीसी बनती है तो भाजपा के सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी, विपक्ष के सदस्यों की संख्य कम होगी। फिर जेपीसी गठित करने में नुकसान क्या है? ’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार चाहती है कि संसद सदस्य रिकॉर्ड नहीं देखें, वह हर सूचना को गोपनीय रखना चाहती है, वह पारदर्शिता नहीं चाहती है। इसलिए वे लोकतांत्रिक संस्थाओं, लोकतांत्रिक तौर तरीकों और संविधान को खत्म करना चाहते हैं।’’
खरगे ने कहा, ‘‘हम डरे नहीं, झुकेंगे नहीं। हम अपनी मांग जारी रखेंगे।’’
इससे पहले, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की।
खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में उनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए थे।
गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही लगातार बाधित हुई।
विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहा है।
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