पेरिस, 31 जुलाई भारतीय गोल्फर शुभंकर शर्मा और गगनजीत भुल्लर पीजीए टूर पर जब सप्ताह दर सप्ताह प्रतिस्पर्धा करते है तो उनकी कोशिश इस महंगे खेल में बने रहने के लिए जरूरी अंक और धन राशि हासिल करने की होती है, लेकिन गुरुवार को जब यह दोनों खिलाड़ी ओलंपिक में पदार्पण करेंगे तो उनका लक्ष्य अपने अभियान को शीर्ष तीन में खत्म कर देश के लिए इस खेल का पहला पदक जीतने का होगा।
यह दोनों मौजूदा समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है लेकिन ओलंपिक में खिताब के लिए मुकाबला 60 खिलाड़ियों के बीच होगा। शुभंकर की विश्व रैंकिंग 219 जबकि गगनजीत की रैंकिंग 261 है।
ओलंपिक पुरुष गोल्फ में रैंकिंग में शीर्ष सात स्थान पर काबिज सभी खिलाड़ी भाग ले रहे है जिसमें विश्व नंबर एक स्कॉट शेफलर, दुनिया के नंबर 2 रोरी मैकलरॉय और तोक्यो के स्वर्ण पदक विजेता जेंडर शॉफेले का नाम भी शामिल है।
शुभंकर और गगनजीत ओलंपिक पदक हासिल करने के मायने को अच्छे से समझते है। इन दोनों खिलाड़ियों को पता है कि ओलंपिक पदक जीतकर वे द इस बात को अच्छे से समझते है कि एक यादगार ओलंपिक उन्हें पूरे देश में ऐसी लोकप्रियता दे सकता है जो 10 पीजीए टूर खिताब भी उन्हें नहीं दिला पाएंगे।
शुभंकर ने कहा, ‘‘ यहां आने वालों के नाम के साथ ओलंपियन हमेशा जुड़ा रहेगा। ’’
एशियाई खेलों में देश के प्रतिनिधित्व का मौका चूकने वाले शुभंकर ने कहा, ‘‘ ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होना एक ऐसी चीज है जिसका हम सभी ने सपना देखा था, लेकिन जब मैंने गोल्फ खेलना शुरू किया, तब भी यह एक ओलंपिक खेल नहीं था।’’
एशियाई खेलों 2006 के पदक विजेता गगनजीत ने कहा कि 400 मीटर दौड़ में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके उनके पिता एचएस भुल्लर को इस बात की खुशी है कि उनका बेटा अब ओलंपियन है।
भुल्लर ने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों के परिवार के लिए ओलंपिक प्रतिनिधित्व बहुत मायने रखता है।’’
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