भुवनेश्वर, 26 सितंबर : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को 'जनजातियों पर आधारित एक विश्वकोश' जारी किया, जिसमें प्रदेश में रहने वाले सभी 62 आदिवासी समुदायों की परंपराओं और संस्कृतियों का संकलन मौजूद है. अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान और ओडिशा राज्य जनजातीय संग्रहालय द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए पांच-खंडीय विश्वकोश में जनजातियों पर 3,800 पृष्ठों में 418 शोध लेख मौजूद हैं, जिनमें 13 विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह शामिल हैं.
पटनायक ने कहा, ''ये विश्वकोश सभी शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और राज्य के आदिवासी समुदायों के बारे में जानने के इच्छुक लोगों के लिए एक खजाने का काम करेंगे.'' मुख्यमंत्री ने इसे तैयार करने के लिए अनुसंधान संस्थान की सराहना की और कहा कि विश्वकोश में शामिल 418 लेख ऐसे हैं जो पिछले छह दशकों में आदिवासी पत्रिकाओं और अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं. लगातार चार साल तक एससीएसटीआरटीआई के निदेशक प्रोफेसर ए.बी. ओट्टा और उनके सलाहकार एस.सी. मोहंती द्वारा संपादन, संकलन और प्रकाशन का कार्य किया गया है. यह भी पढ़ें : आप अन्य लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण क्यों करना चाहते हैं: उच्च न्यायालय ने जैन संगठनों से पूछा
पटनायक ने संग्रहालय का दौरा किया और विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के लिए एक अन्य संग्रहालय में नवनिर्मित 'प्रोजेक्शन मैपिंग यूनिट' की सराहना की. ओट्टा ने कहा कि यहां के जनजातीय संग्रहालय में आदिवासी समुदायों की उत्कृष्ट कला और शिल्प का दुर्लभ संग्रह है. इसे दुनिया में सबसे अच्छे नृवंशविज्ञान (एथनोग्राफिक) संस्थानों में से एक माना जाता है. मुख्यमंत्री ने 2001 में आदिवासी संग्रहालय का उद्घाटन किया था. ऐसे दूसरे संग्रहालय का उद्घाटन 2009 में हुआ, जो विशेष रूप से पीवीटीजी को समर्पित है.