जरुरी जानकारी | एनटीपीसी ने विंध्याचल बिजलीघर से कार्बन वातावरण में जाने से रोकने के उपाय शुरू किये

नयी दिल्ली , 19 अगस्त सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने फ्लू गैस के प्रवाह से कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) को वातावरण में जाने से रोकने यानी ‘ कैप्चर ’ करने का काम शुरू कर दिया है।

कंपनी ने शुक्रवार को बयान में कहा , ‘‘ वर्ष 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता के तहत एनटीपीसी लि . ने 15 अगस्त, 2022 को विंध्याचल अत्याधुनिक बिजलीघर में 500 मेगावॉट क्षमता के कोयला आधारित संयंत्र (युनिट-13) के फ्लू गैस प्रवाह से पहली बार सीओ2 को वातावरण में जाने से रोका और उसे ‘कैप्चर’ किया।

बिजलीघर को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह रोजाना 20 टन कार्बन डाइऑक्साइड को ‘कैप्चर’ करने में सक्षम है। कंपनी की यह पहल कार्बन ‘कैप्चर’ तकनीक को बढ़ावा देने के साथ ‘कोयले आधारित संयंत्रों को हरित बनाने में मददगार होगी।

कार्बन कैप्चर प्रौद्योगिकी में बड़े कारखानों और बिजलीघरों की चिमनियों से कार्बन डाइऑक्साइड को निकलने से रोका जाता है। यानी उन्हें ‘ कैप्चर ’ करके दूसरी जगह भंडारण किया जाता है। इसके बाद इसे उपयुक्त जगह गहराई में डाला जाता है। इसे भूमिगत घटते तेल एवं गैस भंडार जैसे क्षेत्रों में डाला जा सकता है। इसका उपयोग विभिन्न वाणिज्यिक उत्पाद बनाने में भी किया जा सकता है।

बयान के अनुसार, एनटीपीसी इसी संयंत्र परिसर में ‘हरित हाइड्रोजन’ उत्पादन इकाई लगा रही है। इस इकाई से प्रतिदिन दो टन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए ‘प्रोटोन एक्सचेंज मेम्ब्रेन’ इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग किया जाएगा।

इसके बाद प्रतिदिन ‘कैप्चर’ की गई 20 टन कार्बन डाइऑक्साइड और दो टन प्रतिदिन हाइड्रोजन का उपयोग ‘हेटरोजिनस कैटेलिटिक’ प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिदिन 10 टन ‘हरित मेथनॉल’ के उत्पादन के लिए किया जाएगा।

एनटीपीसी की अनुसंधान एवं विकास इकाई एनटीपीसी एनर्जी टेक्नोलॉजी रिसर्च अलायन्स (एनईटीआरए) ने कार्बन डाइऑक्साइड से मेथनॉल के उत्पादन की इस एकीकृत परियोजना को तैयार और डिजाइन किया है। इसे वीएसटीपीएस ग्रीन केमिकल डिपार्टमेंट ने एनईटीआरए के सहयोग से क्रियान्वित किया है।

देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ऊर्जा गहनता में शुद्ध रूप से 10 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा है।

कंपनी की कुल स्थापित क्षमता 69,454 मेगावॉट है। कंपनी हरित हाइड्रोजन, कचरे से ऊर्जा बनाने, ई-वाहन क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भी कारोबार विस्तार कर रही है।

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