लखनऊ, 11 जनवरी उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई लेकिन पहले दिन एक भी उम्मीदवार ने पर्चा नहीं भरा।
निर्वाचन कार्यालय से सोमवार शाम को जारी सूचना के अनुसार पहले दिन 12 सीटों पर एक भी उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया।
अभी तक प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम भी घोषित नहीं किये हैं।
विधानसभा सदस्यों के मत से होने वाला यह चुनाव संख्या बल के आधार पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एकतरफा दिख रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक भाजपा इस चुनाव में नौ से दस सीट जीत सकती है जबकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अपने दम पर एक सीट जीत सकती है लेकिन अन्य किसी भी दल के पास एक भी सीट जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधान सभा में मौजूदा समय में 402 सदस्य हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी के 310, समाजवादी पार्टी के 49, बहुजन समाज पार्टी के 18, अपना दल (सोनेलाल) के नौ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, राष्ट्रीय लोकदल के एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के एक सदस्य हैं।भाजपा के साथ अपना दल (सोनेलाल) का गठबंधन है।
भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति ने चार जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित कर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर मंथन किया, लेकिन अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो सकी है।
इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्वंद्र श्रीवास्तव ने '' को बताया, '' पार्टी नेतृत्व कार्यकर्ताओं में जिनकी पात्रता को सही समझता है, उसके नाम पर विचार करता है। पार्टी में उम्मीदवार तय करने की एक प्रक्रिया है और उसके तहत जल्द ही नाम घोषित हो जाएंगे।''
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