देश की खबरें | नोएडा हवाई अड्डा: मुख्यमंत्री की भावनात्मक अपील के बाद अधिग्रहण प्रक्रिया को फिर रफ्तार मिली

नोएडा, 20 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भावनात्मक अपील और अधिक मुआवजे के वादे के बाद नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण को फिर रफ्तार मिलती दिख रही है। इससे पहले कुछ किसानों ने परियोजना के लिए जमीन देने की स्वीकृति नहीं दी थी।

इस ‘ग्रीनफील्ड’ हवाई अड्डे के पहले चरण का निर्माण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर इलाके में किया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर बनने वाले इस विमानपत्तन को निर्माण के बाद दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होने का दावा किया जा रहा है जिसे बनाने में अनुमानित 29,650 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में इस साल की शुरुआत में तब अवरोध पैदा हो गया था जब छह गांवों के कुछ किसानों ने मुआवजे के ऐवज में अपनी जमीन देने की सहमति नहीं दी थी।

अधिकारियों ने बताया कि विमानपत्तन के दूसरे चरण के विकास के लिए छह गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है जिनमें रनहेरा, कुरैब, दयानतपुर, करौली बांगर, मुढरह और बीरमपुर शामिल हैं।

‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013’ के अनुसार भूमि अधिग्रहण के लिए कम से कम 70 प्रतिशत जमीन मालिकों की सहमति जरूरी है।

कानून में सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के लिए मुआवजे की दर, पुनर्वास और पुनर्स्थापन सुविधाओं के लिए भी प्रावधान हैं।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में 14 अक्टूबर को करीब 200 किसानों ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।

मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात में किसानों से कहा, ‘‘हम आपसे सौदेबाजी नहीं करना चाहते।’’ उन्होंने मुआवजा बढ़ाकर 3,400 रुपये प्रति वर्ग मीटर (ब्याज समेत) देने का वादा किया।

आदित्यनाथ ने कहा कि जेवर की जनता उनके ‘परिवार की तरह’ है। उन्होंने कहा, ‘‘एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास में आपके योगदान को आपकी पीढ़ियां देखेंगी।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘अगर जेवर में रहने वाले लोगों को क्षेत्र के विकास के फायदे नहीं मिलते तो इसका कोई मतलब नहीं है।’’

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से जुड़े लोगों के अनुसार दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की रफ्तार पिछले करीब 10 महीने से धीमी पड़ी हुई थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय विधायक की इस सप्ताह अनेक बैठकें होने से इस काम में रफ्तार आई है।

जेवर के विधायक सिंह ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘भूमि अधिग्रहण के लिए सहमति अब 60 प्रतिशत हो गयी है और दिवाली से पहले न्यूनतम आवश्यक 70 प्रतिशत किसानों की मंजूरी मिलने की अपेक्षा है।’’

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