नयी दिल्ली, 10 अगस्त राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद सोमवार को कहा कि पद को लेकर उनकी कोई लालसा नहीं है और उम्मीद है कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके और उनके समर्थक विधायकों द्वारा जो मुद्दे उठाए गए थे, वे सैद्धांतिक थे और इनके बारे में कांग्रेस आलाकमान को अवगत करा दिया गया है।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार और संगठन के कई ऐसे मुद्दे थे जिनको हम रेखांकित करना चाहते थे। चाहे देशद्रोह का मामला हो, एसओजी जांच का विषय हो या फिर कामकाज को लेकर आपत्तियां हों, उन सभी के बारे में हमने आलाकमान को बताया।’’
पायलट ने कहा, ‘‘हमने शुरू से यह बात कही कि जो हमारे मुद्दे हैं वे सैद्धांतिक हैं। मुझे लगता था कि ये पार्टी के हित में हैं और इनको उठाना बहुत जरूरी है। हमने ये सारी बातें आलाकमान के समक्ष रखी हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सारी बातें की गईं और यहां तक कि मेरे बारे में भी बहुत बातें हुईं। व्यक्तिगत तौर पर कुछ ऐसी बातें हुईं जिनका मुझे भी बुरा लगा। लेकिन संयम बनाए रखना चाहिए। राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना की कोई जगह नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों ने पांच साल तक मेहनत कर यह सरकार बनाई है। इस सरकार में सभी की भागीदारी है।’’
पायलट ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हमारी बात सुनी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और हम सभी ने विस्तार से चर्चा की। विधायकों की बातों को उचित मंच पर रखा गया है। मुझे आश्वासन दिया गया है कि तीन सदस्यीय समिति बनाकर तमाम मुद्दों का निराकरण किया जाएगा।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘पार्टी पद देती है, पार्टी पद ले भी सकती है। मुझे पद की बहुत लालसा नहीं है। हम चाहते हैं कि जिस मान-सम्मान और स्वाभिमान की बात की जाती है वह बनी रहे। पंद्रह वर्षों से पार्टी के लिए जो मेहनत की है, उसे पार्टी भी जानती है।’’
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे लगता था कि डेढ़ साल की सरकार में काम करने के बाद मेरा अनुभव रहा है, वो मैं कांग्रेस आलाकमान के समक्ष लेकर जाऊं। मुझे लगता है कि उनका निवारण होगा।’’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किए गए हमलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी भी ऐसी का इस्तेमाल और आचरण नहीं किया जो हमारे योग्य नहीं है।’’
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