नयी दिल्ली, सात दिसंबर सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि जिला न्यायाधीश स्तर पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना के प्रस्ताव पर अभी तक कोई सहमति नहीं है।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि इस न्यायिक सेवा के गठन पर राज्य सरकारों और 25 उच्च न्यायालयों की राय अलग-अलग है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्य सरकारों और उच्च न्यायालयों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन कुछ अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के निर्माण के पक्ष में नहीं थे... कुछ अन्य केंद्र सरकार द्वारा तैयार प्रस्ताव में बदलाव चाहते थे।’’
संविधान के अनुच्छेद 312 में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना का प्रावधान है, जिसमें जिला न्यायाधीश से कमतर कोई भी पद शामिल नहीं होगा।
मेघवाल ने कहा कि सरकार के विचार में, समग्र न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए समुचित रूप से तैयार की गई एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे उचित अखिल भारतीय योग्यता चयन प्रणाली के माध्यम से चयनित योग्य नई कानूनी प्रतिभा को शामिल करने का अवसर मिलेगा और साथ ही समाज के हाशिए पर रहने वालों और वंचित वर्गों को उपयुक्त प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समावेशन के मुद्दे का समाधान मिलेगा।’’
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