अलीगढ़ (उप्र), 16 दिसंबर अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के एक नवविवाहित अंतर-धार्मिक जोड़े ने अलीगढ़ में अपने विवाह के बाद का भोज समारोह आयोजित किया था, लेकिन कई हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के बाद उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
हिंदू संगठनों ने 21 दिसंबर को होने वाले समारोह को बाधित करने की धमकी दी थी।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, युवा जोड़े ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत मार्च 2024 में विवाह किया था, जिसे अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में विधिवत पंजीकृत किया गया था। पत्नी और पति दोनों अलीगढ़ के हैं और कुशल पेशेवर हैं। पति एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, लड़की एक प्रमुख हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती है और लड़का भी शहर के एक अच्छे मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखता है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार इस जोड़े ने मार्च में अमेरिका में विवाह किया था। पिछले बृहस्पतिवार को यहां एक प्रमुख होटल में कार्यक्रम आयोजित करने का निमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ।
इसके बाद भाजपा, अखिल भारतीय करणी सेना और बंजरंग बल (बजरंग दल से अलग होकर बना एक नया संगठन) समेत कई हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने घोषणा की कि वे इस समारोह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे और होटल प्रबंधन पर भी इस समारोह को आयोजित न करने का दबाव बनाया।
बताया जाता है कि होटल प्रबंधन ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह इस मामले में जिला प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेगा।
हिंदू संगठनों ने अलीगढ़ के अपर जिलाधिकारी (शहर) अमित कुमार से मुलाकात की और यह स्पष्ट कर दिया कि वे "समारोह के आयोजन का विरोध करेंगे।"
अलीगढ़ की पूर्व महापौर शकुंतला भारती और अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान के हस्ताक्षर वाले संयुक्त ज्ञापन में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार तथा संभल एवं बहराइच में हाल ही में हुई घटनाओं के मद्देनजर, "यदि इस शहर में ऐसा कोई समारोह आयोजित किया जाता है तो हिंदू भावनाएं भड़केंगी और इससे शहर में शांति भंग हो सकती है।"
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि इस समारोह के आयोजन के कारण शांति भंग होती है तो जिला प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार होगा।
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि वे इस विवाह को "लव जिहाद" मानते हैं और उनका संगठन इस समारोह के आयोजन का कड़ा विरोध करेगा।
इस घटनाक्रम के बाद, जिले के शीर्ष अधिकारियों ने 13 दिसंबर बैठक की । लेकिन शुक्रवार दोपहर को परिवारों ने घोषणा की कि उन्होंने इस समारोह को "रद्द" करने का निर्णय लिया है। हालांकि उन्होंने इस रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, दोनों परिवारों ने नाम गुप्त रखने का अनुरोध किया है और निर्णय लिया है कि इन घटनाक्रमों के बारे में वे न तो प्रेस से मिलेंगे और न ही कोई बयान देंगे।
सं जफर
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)