नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर : वैज्ञानिकों ने एक मॉडल विकसित किया है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह एस-सीओवी-2 वायरस के स्वरूप के संभावित विकास का पूर्वानुमान व्यक्त कर सकता है. एस-सीओवी-2 कोविड-19 का कारण बनता है. जर्मनी में कोलोन विश्वविद्यालय और अमेरिका के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि मॉडल से प्राप्त वायरल विकास की भविष्यवाणियां उन टीकों को डिजाइन करने में मदद कर सकती हैं जो भविष्य के स्वरूपों के खिलाफ सर्वोत्तम रूप से प्रभावी हों.
भविष्यसूचक मॉडलिंग एक गणितीय प्रक्रिया है जिसका उपयोग इनपुट डेटा के दिए गए सेट में पैटर्न का विश्लेषण करके भविष्य की घटनाओं या परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है. मॉडल भविष्यवाणी करता है कि कौन सा स्वरूप मानव प्रतिरक्षा से बच सकता है, आबादी में फैल सकता है और अंततः नया मुख्य स्वरूप बन सकता है.जर्नल ‘सेल’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह नए स्वरूप के वास्तव में उभरने से पहले ही बचाव के संभावित मार्गों की भी पहचान करता है. यह भी पढ़ें : देश की खबरें | दिल्ली में प्रदूषण स्रोतों का पता लगाने संबंधी अध्ययन पर डीपीसीसी अध्यक्ष की रोक: राय
एस-सीओवी-2 महामारी के दौरान, क्रमिक महामारी लहरों में एक नए स्वरूप ने पिछले स्वरूप की जगह ले ली थी. कई स्वरूप हालांकि अब एक ही समय में विश्व स्तर पर प्रसारित हो रहे हैं और एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि यहीं पर भविष्यसूचक मॉडल उन स्वरूपों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं जो निकट भविष्य में प्रमुखता से बढ़ेंगे.