मुंबई, 27 अगस्त : शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा में शामिल होने वाले कुछ ''नए चेहरों'' ने 25 साल तक साथ काम कर चुके दोनों दलों के रिश्तों को बिगाड़ दिया. उन्होंने ऐसे तत्वों की तुलना ''बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों'' से की, जो भारत का ‘‘सामाजिक सौहार्द बिगाड़ते हैं.'' साल 2019 में भाजपा में शामिल होने वाले राणे को पिछले महीने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. इस सप्ताह के शुरु में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कह कर विवाद खड़ा कर दिया था. उनके बयान के बाद राज्य में प्रदर्शन हुए, जिसके चलते मंगलवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई.
राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''भाजपा और शिवसेना के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद जरूर थे, लेकिन हमारे रिश्ते कभी भी कटु नहीं हुए. पिछले कुछ वर्षों में भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं ने दोनों दलों के बीच संबंध खराब कर दिए हैं. वे बांग्लादेशियों और पाकिस्तानी घुसपैठियों के समान कुख्यात हैं, जो यहां (भारत में) हमारे सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं.'' राउत ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ''हमने (शिवसेना और भाजपा ने) कभी एक-दूसरे पर हमला नहीं किया या ऐसे कटु संबंध नहीं थे. नारायण राणे जिस तरह से काम कर रहे हैं...., वह दुश्मनी दिखा रहे हैं. भाजपा ने हमारे रिश्ते को सुधारने के लिए किस तरह के व्यक्ति को नियुक्त किया है?'' उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 25 साल तक भाजपा के साथ काम किया. यह भी पढ़ें : Rajasthan: पीएम मोदी ने ट्वीट कर सीएम Ashok Gehlot के जल्द स्वस्थ होने की कामना की
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, ''हम जानते हैं कि दिवंगत (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे के अटलजी और आडवाणीजी के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच भी संबंध सौहार्दपूर्ण हैं.'' शिवसेना के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले राणे 1999 में भाजपा-शिवसेना सरकार के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, जुलाई 2005 में शिवसेना ने उन्हें ''पार्टी विरोधी गतिविधियों'' के लिए निष्कासित कर दिया था. इसके बाद राणे कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस छोड़ कर अक्टूबर 2017 में उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना की. 2018 में उन्होंने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. अक्टूबर 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया. पिछले महीने हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री बनाया गया.