देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति सुधारने के लिए और कदम उठाने की जरूरत: अब्दुल्ला

जम्मू, 29 मार्च जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि चीनी घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए सेना के जवानों को जम्मू से लद्दाख स्थानांतरित करने से आतंकवादियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका मिल गया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए और कदम उठाए जाने की जरूरत है।

अब्दुल्ला कठुआ, रियासी और जम्मू जिलों में चार पुलिसकर्मियों के शोकाकुल परिवारों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। ये पुलिसकर्मी बृहस्पतिवार को कठुआ जिले के सफियान जंगल में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

इस मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी भी ढेर हो गए, जो माना जा रहा है कि प्रतिबंधित समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। समूह के अन्य सदस्यों के सफाए के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

कांस्टेबल तारिक अहमद के घर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुठभेड़ और आतंकवादी हमले कोई नई बात नहीं है और पिछले तीन-चार वर्षों से जम्मू क्षेत्र में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि रियासी जिले में भी (पिछले साल तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस) एक यात्री बस पर हमला हुआ था। जम्मू शहर में भी हमले हुए। इसके पीछे कारण यह है कि जब चीनी सेना ने लद्दाख में घुसपैठ की थी, तो हमें उनका मुकाबला करने के लिए सेना की जरूरत थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम घाटी से सेना नहीं हटा सकते थे और इसलिए जम्मू में तैनात सैनिकों को लद्दाख भेज दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप कहीं न कहीं चूक हो गई। अब उस चूक को धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है।’’

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