देश की खबरें | पठन पाठन में डिजिटल प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी फायदों का उपयोग करने की जरूरत : राष्ट्रपति कोविंद

नयी दिल्ली, सात जून राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी शिक्षा के दायरे को बढ़ा रही है और उत्कृष्टता हासिल करने के लिये इसके (डिजिटल प्रौद्योगिकी) परिवर्तनकारी फायदों का उपयोग करने की जरूरत है, ताकि शिक्षण एवं पठन-पाठन को समृद्ध बनाया जा सके।

राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के निदेशकों के दो दिवसीय विजिटर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये हमें पठन पाठन के आधुनिक और नवोन्मेषी तौर तरीकों पर विचार करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता हासिल करने के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी फायदों का उपयोग करने की जरूरत है ताकि शिक्षण एवं पठन-पाठन के अनुभवों एवं तरीकों को समृद्ध बनाया जा सके ।

डिजिटल प्रौद्योगिकी के फायदों का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि जब महामारी के कारण पठन-पाठन के पटरी से उतरने का खतरा उत्पन्न हो गया था, तब प्रौद्योगिकी ने इसे जारी रखना सुनिश्चित किया।

उन्होंने कहा कि कठिनाइयां हैं, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन यह देखना सुखद है कि निर्बाध रूप से शिक्षण, मूल्यांकन, शोध आदि कार्य चल रहे हैं ।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है और इस कार्यक्रम के शुरूआती सत्र में इस विषय को स्थान दिया गया है।

उन्होंने कहा , ‘‘हमारे उच्च शैक्षणिक संस्थान इसके केंद्र में हैं क्योंकि हमारे युवा नागरिक न केवल अतीत के उत्तराधिकारी हैं बल्कि आने वाले स्वर्णिम समय में भारत का नेतृत्व करने वाले भी हैं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थाओं पर युवाओं में बदलाव लाने की बड़ी जिम्मेदारी है।

कोविंद ने कहा कि शिक्षा से जुड़े वृहद लक्ष्यों को हासिल करने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को बेहतर बनाना काफी जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानदंड स्थापित करना है। ’’

उन्होंने कहा कि यह जानकर काफी अच्छा लगा कि इस वर्ष क्यूएस रैंकिंग में 35 भारतीय संस्थानों ने स्थान बनाया, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 29 थी ।

उन्होंने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया ।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में स्टार्टअप एवं नवाचार के माहौल को प्रोत्साहित करने के लिये 28 राज्यों एवं छह केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च शिक्षण संस्थानों में 2,775 संस्थागत नवाचार परिषदों का गठन किया गया है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति 161 उच्च शिक्षा के केंद्रीय संस्थानों के विजिटर हैं। इनमें से सम्मेलन में 53 संस्थानों ने उपस्थित होकर हिस्सा लिया और अन्य संस्थान इसमें डिजिटल माध्यम से जुड़े ।

इस सम्मेलन में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद थे ।

दीपक

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