कोलकाता, 12 जून बीते वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक वितरित किए गए सूक्ष्म ऋण का लगभग 40 प्रतिशत एनबीएफसी-एमएफआई द्वारा दिया गया। ऋण वितरण में अनुसूचित बैंकों का हिस्सा 33 प्रतिशत रहा।
सूक्ष्म वित्त संस्थानों के निकाय माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री नेटवर्क (एमएफआईएन) ने कहा कि एनबीएफसी-एमएफआई देश में सूक्ष्म ऋण के सबसे बड़े प्रदाता हैं। 31 मार्च, 2024 तक सूक्ष्म ऋण देने वाली इकाइयों का कुल ऋण पोर्टफोलियो 4.33 लाख करोड़ रुपये था।
एमएफआईएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल वितरित सूक्ष्म ऋण में लघु वित्त बैंकों की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है, इसके बाद एनबीएफसी की हिस्सेदारी नौ प्रतिशत है।
इसमें कहा गया है कि लगभग 4.3 करोड़ ग्राहकों पर एनबीएफसी-एमएफआई का ऋण बकाया है। 31 मार्च, 2024 तक एमएफआई की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 1,56,884 करोड़ रुपये थीं।
पोर्टफोलियो के क्षेत्रीय वितरण के संदर्भ में, पूर्व और पूर्वोत्तर में 32 प्रतिशत, दक्षिण में 27 प्रतिशत, उत्तर में 16 प्रतिशत और पश्चिम में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 के दौरान प्रति खाते में वितरित औसत ऋण राशि 45,024 रुपये थी, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.9 प्रतिशत अधिक है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान एनबीएफसी-एमएफआई को 89,308 करोड़ रुपये का ऋण वित्तपोषण प्राप्त हुआ, जो 2022-23 वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)