विदेश की खबरें | नौसैन्य सहयोग भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के सबसे अहम घटकों में से एक है: राजदूत संधू
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वाशिंगटन, 25 अगस्त अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सबसे बहुआयामी एवं अहम घटकों में से एक हैं।

आईएनएस सतपुड़ा के पिछले सप्ताह सैन डिएगो पहुंचने के मौके पर संधू ने यह बयान दिया।

आईएनएस सतपुड़ा को भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है। छह हजार टन वाला यह स्वदेशी बहु उद्देश्यीय मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है जो हवा, सतह और पानी के नीचे दुश्मनों को तलाशने और नष्ट करने की क्षमता रखता है।

यह पहली बार है कि जब भारतीय नौसेना के किसी युद्धपोत को ‘यूएस वेस्ट कोस्ट’ पर खड़ा किया गया है। यह भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दर्शाता है।

संधू ने सैन डिएगो में पिछले सप्ताह कहा, ‘‘नौसेनाओं के बीच आपसी सहयोग हमारी रक्षा साझेदारी के सबसे बहुआयामी और अहम घटकों में से एक है। यह हिंद-प्रशांत के संदर्भ में और मजबूत हो रहा है।’’

आईएनएस सतपुड़ा पर मौजूद संधू ने कहा, ‘‘अमेरिकी नौसेना, विशेष रूप से वार्षिक मालाबार अभ्यास और मिलन 22 एवं हाल में संपन्न रिमपैक 22 (जिसमें मुझे भाग लेने का अवसर मिला) जैसे बहुराष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ संबंधों का बढ़ता दायरा हमारे विश्वास और महासागर में सहयोग को मजबूत करता है।’’

इस कार्यक्रम में नौसेना विभाग के प्रमुख कार्लोस डेल टोरो और नौसैन्य विमानन सेना के कमांडर वाइस एडमिरल केनेथ रे व्हिटसेल भी शामिल हुए।

संधू ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के विविध क्षेत्रों में रक्षा क्षेत्र एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है।

अमेरिका ने भारत को ‘‘सबसे बड़े रक्षा साझेदार’’ के रूप में मान्यता दी है।

संधू ने कहा, ‘‘हमारा रक्षा व्यापार 21 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। भारत आज किसी भी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है। दरअसल इस समय जब मैं बात कर रह रहा हूं, उस समय भी दोनों देशों के विशेष बल भारत के हिमाचल प्रदेश में वज्र प्रहार नामक भारत-अमेरिका संयुक्त विशेष बल अभ्यास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत के सबसे महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत जब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है तो यह एक और महत्वपूर्ण पड़ाव का जश्न भी मना रहा है, वह है - अमेरिका के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल।

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका और भारत के द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं।

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