जशपुर जिले में वनवासी कल्याण आश्रम के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आज दोपहर बाद उरांव की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जिला चिकित्सालय ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों के द्वारा काफी प्रयास किए जाने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनका अंतिम संस्कार गुरूवार को दोपहर बाद होगा।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि उरांव मूलत: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कोमड़ो गांव के निवासी थे। उनका जन्म कोमड़ो गांव में एक अक्टूबर वर्ष 1949 को हुआ था। वह 12 वर्ष की आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए तथा बाद में वह वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यों से जुड़ गए थे।
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भाजपा नेताओं ने बताया कि वर्ष 1969 से ही वह वनवासी कल्याण आश्रम की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। वर्ष 1985 में उन्हें कल्याण आश्रम का उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 1995 से वह वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय अध्यक्ष के दायित्व पर थे।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि जगदेव जी बाल्यकाल से ही वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े रहे और हमेशा वनवासियों के कल्याण के लिए कार्य करते रहे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है।
राज्यपाल ने उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि जगदेव राम के निधन से वनवासी क्षेत्रों में चल रहे सेवा कार्यों और वनवासियों के जागरण के साथ ही उन्हें राष्ट्र और विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के काम को गहरा धक्का लगा है।
जगदेव राम ने वनवासी क्षेत्रों के कल्याण के कार्य में अपना पूरा जीवन अर्पित कर एक मिसाल पेश की है।
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