गुना: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना में लंबे समय से एक जमीन पर खेती कर रहे किसान पति-पत्नी ने आत्महत्या करने का प्रयास किया. किसान दंपति ने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से दुःखी होकर जहर पी लिया. दरअसल स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. किसान के कई मिन्नतों के बावजूद प्रशासन ने उसकी जमीन पर जेसीबी चलाना शुरू कर दिया. किसान राजकुमार ने जब इसका विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया.
राजकुमार (Rajkumar) का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है. दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं. उसके पास पट्टा नहीं है. किसान ने कहा कि जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया. उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर खेती की है. अब फसल अंकुरित हो आई है. इस पर जेसीबी न चलाया जाया. उसने पुलिस से कहा भी कि मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं. मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
मामला गुना शहर के पीजी कॉलेज से लगी सरकारी जमीन का है. इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार नामक शख्स लंबे अर्से से खेती कर रहा था. मंगलवार को एसडीएम की अगुवाई में अतिक्रमण विरोधी दस्ता मौके पर पहुंचा. पुलिस और प्रशासन की टीम सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने के लिए पहुंची तो किसान और उसकी पत्नी ने आत्महत्या करने का प्रयास किया.
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गुना में दलित परिवार पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता मध्यप्रदेश सरकार की मानसिकता का परिचय दे रही है। कृषि प्रधान कहे जाने वाले भारत में सरकार को सिर्फ दलित किसान की जमीन मिली। देश का दलित और किसान इसे कभी सहन नही कर सकता!#सिंधियाशिवराज_दलित_विरोधी @ChouhanShivraj @BhimArmyChief pic.twitter.com/FTDygqZWjk
— बहुजन शेर सुनिल अस्तेय (@SunilAstay) July 15, 2020
किसान ने परेशान होकर कीटनाशक पी लिया जिसके बाद उसकी पत्नी ने भी यही किया. अतिक्रमण हटाने आई टीम से दोनों को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया.
अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है. गुना की घटना का गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने गुना के कलेक्टर और एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं. पूरे मामले में सीएम ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. गुना मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
सीएम ने कहा, जो भी इस घटना में दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. घटना क्यों हुई, कैसे हुई और इसके पीछे कौन दोषी है, इन सब बातों की जल्द रिपोर्ट देने के लिए एक टीम भोपाल से गुना रवाना कर दी गई है. सरकार के अनुसार, 2018 में कॉलेज निर्माण के लिए लगभग 5.5 एकड़ जमीन अलग रखी गई थी. किसानों द्वारा कथित रूप से भूमि का अतिक्रमण किया गया था.