Kharge on Modi Govt: मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर आरोप, राष्ट्रपति मुर्मू के आदिवासी होने के कारण उन्हें संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया
Mallikarjun Kharge, Sonia Gandhi, Mamata Banerjee Photo Credits: Twitter

सुकमा (छत्तीसगढ़), 1 नवंबर : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह ‘अछूत’ जाति से हैं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई संसद का उद्घाटन इसलिए नहीं कराया गया क्योंकि वह आदिवासी हैं. खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते कि सत्ता गरीबों के हाथ में जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों की जल-जंगल-जमीन की रक्षा की लड़ाई में हमेशा उनका समर्थन किया है. राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी हमेशा कहती है कि उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया. लेकिन आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाया.

उसका शिलान्यास हुआ तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया क्योंकि वह अछूत थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन के समय नहीं बुलाया क्योंकि वह आदिवासी हैं. वह उनके हाथ से उद्घाटन करना नहीं चाहते थे.'' उन्होंने कहा, ''वह (भाजपा के नेता) कहते हैं कि उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया लेकिन उन्हें कोई भी इमारत का शिलान्यास करने का मौका नहीं मिला.'' खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को आजाद कराया और बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया. उन्होंने देश के विकास में कांग्रेस के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, “देश जब आजाद हुआ तब स्कूल व कॉलेज का निर्माण हुआ. बैंक नहीं थे, उद्योग नहीं था. आज जो भी है उसमें सबसे बड़ा योगदान कांग्रेस का है और भाजपा तथा प्रधानमंत्री मोदी पूछते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया.” यह भी पढ़ें : ‘INDIA’ गठबंधन से कौन बनेगा प्रधानमंत्री? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया बड़ा बयान

उन्होंने कहा, ''हमने देश के लिए कुछ किया है इसलिए हम वोट मांग रहे हैं. इस देश के नागरिकों की भलाई की है इसलिए हम वोट मांग रहे हैं. इस देश की आजादी के लिए कांग्रेस पार्टी के लोग सूली पर चढ़े इसलिए हम वोट मांग रहे हैं.'' खरगे ने कहा कि वह सिर्फ वोट मांगने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के अलावा (आदिवासी) समुदाय, संविधान, लोकतंत्र और देश की रक्षा भी करनी है. छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान होगा. बस्तर क्षेत्र की 12 विधानसभा सीटें उन 20 सीटों में शामिल है जहां सात नवंबर को मतदान होगा.