मुंबई, 31 मई मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को उस विज्ञापन कंपनी की पूर्व निदेशक जान्हवी मराठे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसने 13 मई को घाटकोपर में होर्डिंग लगाया था, जिसके गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
यद्यपि मराठे ने दावा किया कि वह होर्डिंग अनुबंध में "केवल हस्ताक्षर करने वाली प्राधिकारी" थी, लेकिन पुलिस ने अदालत को बताया कि ढही हुई संरचना के निर्माण में उनकी "प्रत्यक्ष और सक्रिय" भागीदारी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश सासने ने उनकी याचिका खारिज कर दी। हालांकि, विस्तृत आदेश अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
मराठे ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया कि वह होर्डिंग लगाने वाली कंपनी ‘ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ की निदेशक इसकी स्थापना के समय से ही थी, लेकिन उन्होंने दिसंबर 2023 में इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने दावा किया कि ध्वस्त हुई होर्डिंग ‘ईगो मीडिया’ के वर्तमान निदेशक भावेश भिंडे की निगरानी में 2023 में लगाई गई थी। भिंडे मुख्य आरोपी हैं और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
मराठे ने अपनी याचिका में कहा कि वह इसके अनुबंध के लिए "केवल एक हस्ताक्षरकर्ता प्राधिकारी" थीं और उन्हें मामले में "बलि का बकरा" बनाया गया है, जबकि भिंडे "मुख्य अपराधी" हैं।
उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था और उनका किसी भी तरह से मामले से कोई संबंध नहीं था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि भिंडे ने उनके साथ धोखाधड़ी की और उनका बलात्कार किया तथा वह इस संबंध में उनके खिलाफ पहले ही मामला दर्ज करा चुकी हैं।
याचिका में कहा गया है कि होर्डिंग केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली भूमि पर लगाई गई थी और इसलिए, बृहन्मुंबई नगर निगम से अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।
पुलिस की ओर से सरकारी वकील इकबाल सोलकर ने मराठे की अग्रिम जमानत का विरोध किया।
पुलिस ने अदालत को बताया कि वह (मराठे) 21 दिसंबर, 2023 तक कंपनी की निदेशक के रूप में काम कर रही थी और ढहे होर्डिंग की मंजूरी से लेकर इसके निर्माण एवं इसके चालू होने तक कंपनी के साथ थी।
पुलिस ने कहा कि पहली रिपोर्ट में ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भावेश भिंडे, कंपनी के सभी निदेशकों, अधिकारियों और कर्मचारियों, सिविल ठेकेदार और घटना के लिए जिम्मेदार अन्य सभी व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है।
पुलिस ने कहा कि उक्त होर्डिंग की मंजूरी से लेकर इसके निर्माण तक की अवधि के दौरान मराठे मुख्य आरोपी के साथ सीधे तौर पर जुड़ी हुई पाई गई है।
जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी से इस्तीफा देने के बाद भी मराठे को ईगो मीडिया से वित्तीय लाभ मिला है और उनके पास एक मर्सिडीज कार भी है जिसकी किस्त अब भी कंपनी द्वारा चुकाई जा रही है। इसलिए यह कहना गलत है कि उसकी भूमिका केवल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने तक ही सीमित थी।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मराठे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
गत 13 मई को धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के दौरान उपनगरीय घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर एक विशाल होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
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