इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 नवंबर जिले की सांवेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
सिलावट, भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के उन सबसे वफादार समर्थकों में गिने जाते हैं जिनकी साढ़े सात महीने पहले कमलनाथ सरकार के तख्तापलट में अहम भूमिका रही थी।
निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को मतगणना के 14वें राउंड के बाद सिलावट ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू पर 25,297 वोटों से बड़ी बढ़त बना ली थी। वह वोटों की गिनती की शुरूआत से ही गुड्डू से आगे चल रहे हैं।
इस बीच, शहर के नेहरू स्टेडियम में मतगणना जारी रहने के दौरान गुड्डू के समर्थकों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कांग्रेस उम्मीदवार के बेटे अजीत बौरासी ने आरोप लगाया कि मतगणना प्रक्रिया की अलग-अलग गड़बड़ियों को लेकर उनकी आपत्तियों को निर्वाचन अधिकारियों द्वारा लगातार दरकिनार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि सांवेर विधानसभा क्षेत्र में अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं जिनमें तीन उपचुनाव शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सांवेर सीट पर हार-जीत का सबसे बड़ा अंतर वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में दर्ज किया गया था। इन चुनावों में भाजपा उम्मीदवार प्रकाश सोनकर ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय को 19,637 वोट से परास्त किया था।
गौरतलब है कि सिलावट, कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में शामिल रहे जिनके सिंधिया की सरपरस्ती में विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार सत्ता से हट गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।
पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे सिलावट वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर सांवेर से ही विधायक चुने गए थे। लेकिन दल बदल के चलते वह हालिया उपचुनावों में "हाथ के पंजे" (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) के बजाय "कमल के फूल" (भाजपा का चुनाव चिन्ह) के लिए वोट मांगते दिखाई दिए।
सांवेर सीट के लिए हुए उपचुनावों में कुल 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। कोविड-19 के भय के बावजूद इस क्षेत्र के 2.70 लाख मतदाताओं में से 78 प्रतिशत लोगों ने वोट डालने का फर्ज निभाया जहां ग्रामीण आबादी बहुतायत में है।
हर्ष
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