नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई को लेकर दिल्ली की अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कथित कृत्य देश में हुआ ही नहीं है।
छह महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण के खिलाफ दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के एक मामले की दिल्ली की अदालत सुनवाई कर रही है।
बृजभूषण के वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत के समक्ष कहा, ‘‘कोई ऐसा कृत्य या परिणाम नहीं है जो भारत में घटित हुआ हो। अभियोजन की कार्यवाही के मुताबिक, कथित अपराध टोक्यो, मंगोलिया,बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्किये आदि देशों में हुआ, इसलिए इसकी सुनवाई यह अदालत नहीं कर सकती।
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने अपनी दलील में कहा कि कथित तौर पर भारत से बाहर हुए अपराध पर सुनवाई करना इस अदालत के न्यायिक अधिकार क्षेत्र के तहत नहीं आता।
हालांकि, अभियोजन पक्ष ने अपनी दलील में कहा, ‘‘पीड़ितों के यौन उत्पीड़न का कृत्य एक सतत अपराध था क्योंकि यह किसी विशेष समय पर नहीं रुका।’’
लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आरोपी को जब भी मौका मिला उसने पीड़ितों से छेड़छाड़ की और इस तरह के उत्पीड़न को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता, इसलिए अपराध की पूरी श्रृंखला को एक मानकर देखने की जरूरत है।’’
अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 22 नवंबर को करेगी।
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