बीजिंग, 15 अप्रैल चीन में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,400 से अधिक मामले सामने आए। इसके अलावा 20,700 ऐसे मामलों का भी पता चला जिनमें मरीजों में कोविड के कोई लक्षण नजर नहीं आए।
संक्रमण के अधिकतर मामले शंघाई में आये जहां, पिछले दो सप्ताह से महामारी के प्रसार को काबू में लाने लॉकडाउन जारी है। स्थानीय लोगों में भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति को लेकर अंसतोष बढ़ता जा रहा है।
चीन में बृहस्पतिवार को मुख्य तौर पर संक्रमण के 3,472 मामलों का पता चला। ये मामले स्थानीय तौर पर संक्रमण के हैं। इनके अलावा 20,782 मामले ऐसे सामने आए जिनमें मरीजों में महामारी के लक्षण नजर नहीं आए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने यह जानकारी दी।
नागरिक स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को बताया कि चीन के आर्थिक केंद्र शंघाई में बृहस्पतिवार को स्थानीय स्तर पर फैले कोविड-19 के 3,200 मामलों की और बिना लक्षणों वाले 19,872 मामलों की पुष्टि की गई
शहर में पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए कई दौर के परीक्षण किये जा चुके हैं। साथ ही संक्रमितों के इलाज के लिए अस्थायी अस्पताल बनाये जा चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि बीते चौबीस घंटे में कोरोना संक्रमित रोगियों के 28,778 करीबी लोगों को स्वास्थ्य निगरानी से मुक्त किया गया।
गौरतलब है कि चीन के वुहान से 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। बाद में कोरोना वायरस के संक्रमण ने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया था। अब एक बार फिर यह उसी क्षेत्र में इतनी तेजी से बढ़ रहा है, जब बाकी दुनिया ने वायरस को लगभग नियंत्रित कर लिया है।
शंघाई में स्थिति इतनी खराब होने लगी है कि आधिकारिक चीनी मीडिया ने भी जनता के असंतोष को उजागर करना शुरू कर दिया है।
राज्य के ग्लोबल टाइम्स में शुक्रवार को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई शहर कोरोना वायरस संक्रमण के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ अपने सबसे कठिन समय से गुजर रहा है। स्थानीय निवासियों के बीच संदेह, चिंता और थकान ध्यान देने योग्य है। कोई भी हृदय विदारक कहानी जनता के रोष को जगा सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंटरनेट पर जनआक्रोश की सुनामी आ गई है।
शंघाई में लाखों लोग भोजन की कमी, अपने पड़ोसियों को पृथकवास तक पहुंचाने में देरी और रोजमर्रा की परेशानियों से जूझ रहे हैं।
गौरतलब है कि महामारी से शंघाई में सबसे अधिक बुजुर्ग आबादी प्रभावित है। शंघाई चीन के उन शहरों में से एक हैं जहां बुजुर्गों की आबादी सबसे ज्यादा है।
अनिश्चितकालीन लॉकडाउन के दौरान इस समूह पर ज्यादा प्रभाव इसलिए भी आया क्योंकि अधिकतर लोग उम्र संबंधी पुरानी बीमारियों से भी ग्रसित हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को अपने हैनान प्रांत के दौरे में कहा, ‘‘यह देखते हुए कि वैश्विक कोविड-19 महामारी की स्थिति अभी भी गंभीर है, हमें अपनी प्रतिक्रिया में कभी भी ढील नहीं देनी चाहिए। जीत दृढ़ता से आती है। ’’
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