PCPNDT Act App: गर्भ में लिंग का पता लगाने की रोकथाम संबंधी कानून के क्रियान्वयन पर निगरानी वाला ऐप शुरू
अल्ट्रासाउंड/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: गर्भ में लिंग का पता लगाने की रोकथाम संबंधी कानून के क्रियान्वयन पर निगरानी वाला ऐप शुरू. अपने आवास से ऐप की शुरुआत करते हुए शर्मा ने कहा कि लिंगानुपात में बढ़ रहा अंतर एक गंभीर विषय है. इसे कम करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है और इम्पेक्ट ऐप (PCPNDT Act App) इसी दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इम्पेक्ट ऐप पीसीपीएनडीटी (गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक)कानून में होने वाली कार्रवाई और निरीक्षण की गतिविधियों को आसान करेगा. इस ऐप के जरिए पीसीपीएनडीटी निरीक्षण रिपोर्ट को सबंधित अधिकारी निरीक्षण स्थल से तुरंत ही अपलोड कर सकते है. इससे रियल टाइम डाटा का प्रबंधन आसान हो जाएगा.

डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 3,600 निजी व राजकीय सोनोग्राफी केन्द्र पंजीकृत हैं जिनमें से करीब 2,000 केन्द्र क्रियाशील हैं. इम्पेक्ट पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों का भी कार्य आसान करेगी. ये केन्द्र प्रतिदिन की रिपोर्ट अपलोड करने के साथ गर्भवती महिला की सोनोग्राफी के समय भरे जाने वाले फॉर्म एफ की एंट्री भी इम्पेक्ट ऐप से कर सकते है. उन्होंने कहा कि इस ऐप में सोनोग्राफी केन्द्र संचालकों के लिए फीडबैक प्रणाली को भी विकसित किया गया है. इस ऐप को एनआईसी राजस्थान ने तैयार किया है.

यह भी पढ़ें: बंबई हाईकोर्ट ने 23 सप्ताह से ज्यादा समय की अविवाहित गर्भवती को गर्भपात करने की दी इजाजत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक एन. के. ठकराल ने बताया कि प्रदेश भर में आमजन को पीसीपीएनडीटी कानून के तहत 'भ्रूण हत्या को रोकने व बेटियां अनमोल हैं' का संदेश देने के लिए चिकित्सा संस्थानों व प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग व बैनर प्रदर्शित किए जाएंगे. इस अवसर पर पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ प्रभारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शालिनी सक्सेना तथा इंडियन रेडियोलॉजी ऐसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ. जीवराज सिंह सहित सबंधित अधिकारी मौजूद थे.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)