नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ धनशोधन मामले को एक निचली अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के खिलाफ उनकी अर्जी खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली।
11 अक्टूबर को न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने जैन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर को करना तय किया था।
उच्च न्यायालय ने एक अक्टूबर को जैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि मामले को स्थानांतरित करते समय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा सभी तथ्यों पर विधिवत विचार किया गया था, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है और यह नहीं माना जा सकता है कि निर्णय में कोई अवैधता है और उसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत है।
मामले में गिरफ्तार जैन ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता के 23 सितंबर के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था जिसमें धनशोधन मामले को दूसरे न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दिया गया था।
जिला न्यायाधीश की ओर से आदेश धनशोधन रोधी एजेंसी द्वारा स्थानांतरण के लिए एक अर्जी पर पारित किया गया था।
एजेंसी ने मामले को स्थानांतरित करने संबंधी अपनी अर्जी में दलील दी थी कि हालांकि इस मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, यह दिल्ली के मंत्री के पक्ष में ‘‘संभावित पूर्वाग्रह का मामला’’ है और एक आशंका है कि ऐसा हो सकता है, उसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई न हो।
जैन के वकील ने बिना कोई कारण बताए याचिका वापस ले ली।
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