नयी दिल्ली, 27 दिसंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बताया कि मोबाइल फोन ऐप ‘एचपीजेड टोकन’ के माध्यम से निवेशकों से कथित धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के मामले में चीन से संबंध रखने वाली इकाइयों समेत विभिन्न इकाइयों की करीब 278 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है. ईडी ने इससे पहले मामले में 176.67 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धनशेधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विभिन्न व्यक्तियों और चीन से जुड़े मुखौटा संस्थानों से संबंधित 278.71 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया गया है। बयान के अनुसार ‘‘ये चल और अचल संपत्ति अपराध से अर्जित की गई है.’’ एजेंसी के मुताबिक ये मुखौटा कंपनियां कथित तौर पर निवेशकों से सैकड़ों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में लिप्त पायी गई हैं.
ईडी ने बताया कि धनशोधन का यह मामला अक्टूबर 2021 में नगालैंड के कोहिमा में साइबर अपराध पुलिस थाने द्वारा निवेशकों को धोखा देने के आरोप में दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. बयान के मुताबिक निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो कंरसी में पैसा निवेश करने और ‘भारी मुनाफा’ देने का वादा किया गया था.
ईडी के मुताबिक इस उद्देश्य के लिए ‘एचपीजेड टोकन’ ऐप का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है, ‘‘फर्जी निदेशकों/मालिकों वाली विभिन्न मुखौटा इकाइयों द्वारा बैंक खाते खोले गए और व्यापार पहचान पत्र प्राप्त किया गया जिसका उद्देश्य केवल अवैध ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और बिटकॉइन में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करके प्राप्त धन को कई स्तरों पर लेनदेन कर ठिकाने लगाना था.’’
ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘57,000 रुपये के निवेश पर तीन महीने तक प्रति दिन 4,000 रुपये का मुनाफा देने का वादा किया गया था, लेकिन पैसे का भुगतान केवल एक बार किया गया और उसके बाद और धन की मांग की गई.’’एजेंसी ने कहा कि अब तक मामले में ईडी ने अपराध से अर्जित करीब 455.37 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.
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