नयी दिल्ली, 4 जून : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि देश की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता को खतर पैदा किए बिना केवल सोने की तस्करी गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ नहीं है.
यह भी पढ़ें : वीजा घोटाला : धनशोधन मामले में अग्रिम जमानत के लिए कार्ति पहुंचे दिल्ली उच्च न्यायालय
न्यायमूर्ति मुक्त गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने असम से दिल्ली 83.621 किलोग्राम वजन के 500 सोने के बिस्कुट की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार नौ लोगों को जमानत दे दी. पीठ ने कहा कि यूएपीए के तहत ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ की परि में संशोधन किए जाने के बावजूद इस कानून की धारा-15(1)(ए)(iiia) में ‘सोना’ नहीं जोड़ा गया.