लखनऊ, नौ अक्टूबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को जातिवादी, पूंजीवादी और संकीर्ण मानसिकता वाली पार्टियों के दुष्प्रचार को लेकर सावधान करते हुए कहा कि उनका पूरा ध्यान पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने पर केन्द्रित होना चाहिए।
मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर मीडिया को संबोधित करते हुये शुक्रवार को यह बात कही।
यह भी पढ़े | MP By Poll Election 2020: ज्योतिरादित्य बोले-सिंधिया राजघराने में पैदाईश मेरी गलती, तो स्वीकार.
उन्होंने हाथरस मामले का जिक्र करते हुए कहा,‘‘ विरोधी दल दलित वर्ग और उनकी बहन-बेटियों पर कोई भी जुल्म-ज्यादती होने पर अपने राजनीतिक स्वार्थ लिए खूब नाटक करते हैं और इसके अनेकों उदाहरण हमारे सामने हैं।’’
उन्होंने कहा कि काशीराम ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आम्बेडकर के बताये रास्तों पर चलते हुए बसपा का संचालन किया और चुनाव लड़ने के लिये हमेशा अपनी पार्टी के लोगों से ही आर्थिक सहयोग लिया है, न कि कांग्रेस,भाजपा व अन्य दलों की तरह बड़े बड़े पूंजीपतियों और धन्ना सेठों से।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से पार्टी ने दूरी बनाईं और इसका बस एक ही कारण है कि सत्ता में आने पर सरकार को बदले में इन्हें फायदा पहुंचाने के लिए काम करना होता है।
बसपा नेता ने कहा कि पार्टियां डॉ अंबेडकर के मिशन की आड़ में अनेकों संगठन व राजनीतिक पार्टियों का गठन करके दलित वर्गं के मतों को बांटने और उन्हें भ्रमित करने का पूरा पूरा प्रयास कर सकती है लेकिन इस वर्ग के लोग सजग और सचेत हैं और इस वजह से उन्हें कोई खास कामयाबी नहीं मिली है और इसके लिये उन्हें अपने ‘वर्ग’ के लोगों पर बहुत नाज है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)