मुंबई, एक सितंबर शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लग गया और दोनों मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी-कारोबार के दौरान नये रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के बाद नीचे आ गये। शेयरों के ऊपर चढ़े भाव को देखते हुए निवेशकों ने मुनाफावसूली की, जिससे कारोबार की समाप्ति पर बाजार नीचे आ गया।
सूचना प्रौद्योगिकी, धातु तथा वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव देखने को मिला जबकि दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के शेयरों में तेजी रही।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय रिकार्ड नये उच्च स्तर 57,918.71 अंक तक चला गया था। लेकिन बाजार बढ़त बरकरार नहीं रख पाया और सेंसेक्स 214.18 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,338.21 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 55.95 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,076.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह रिकार्ड 17,225.75 अंक तक ऊपर चला गया था।
वाहन कपंनियों के अगस्त महीने के बिक्री आंकड़े हल्के रहने से इनके शेयरों में नरमी रही।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक 2.89 प्रतिशत के नुकसान में महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर रहा। इसके अलावा, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, टीसीएस, एचडीएफसी और इन्फोसिस में प्रमुख रूप से गिरावट रही।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक, डा. रेड्डीज, टाइटन और एल एंड टी शामिल हैं। इनमें 3.2 प्रतिशत तक की तेजी आयी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘जीडीपी आंकड़ा बेहतर रहने के बाद बाजार में अच्छी शुरूआत होने के बावजूद शेयर बाजार मुनाफावसूली के कारण शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाये।’’
मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गई। इसका कारण पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही का तुलनात्मक आधार नीचे होना और विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रों का बेहतर प्रदर्शन रहा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि हाल की तेजी के बाद बाजार में गिरावट आयी। उन्होंने कहा, ‘‘बाजार आने वाले दिनों में खुद को दुरूस्त कर सकता है। हम निफ्टी में आगे के रुख के लिये बैंक सूचकांक पर ध्यान देने को लेकर अपने विचार को दोहराते हैं। नीचे में निफ्टी को 16,900 के करीब समर्थन मिल सकता है। रुख को देखते हुए निवेशकों को गिरावट के साथ खरीद के रुख को लेकर आगे बढ़ना चाहिए।’’
देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप और बढ़ती लागत के कारण मांग प्रभावित होने के चलते विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त 2021 के दौरान सुस्ती देखने को मिली।
मौसमी रूप से समायोजित आईएचएस मार्किट भारत विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 52.3 पर रहा, जो जुलाई में 55.3 पर था। इससे विनिर्माण गतिविधियों में नरमी का संकेत मिलता है।
इस बीच, जीएसटी संग्रह लगातर दूसरे महीने अगस्त में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक 1.12 लाख करोड़ रुपये रहा। यह आर्थिक गतिविधियों में मजबूती को बताता है।
वैश्विक शेयर बाजारों ने पीएमआई आंकड़े में कमी और कई देशों में डेल्टा किस्म के फैलने को तवज्जो नहीं दिया। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, तोक्यो और सियोल लाभ में रहें। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार के दौरान तेजी का रुख था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 71.85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे की गिरावट के साथ 73.08 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 3,881.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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