शेटराउ (फ्रांस), 28 जुलाई स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को यहां महिला 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक के साथ निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के भारत के 12 साल के इंतजार को खत्म किया और पेरिस ओलंपिक में भारत के पदक का खाता खोला। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज भी बनीं।
लंदन ओलंपिक 2012 के बाद भारत का निशानेबाजी में यह पहला ओलंपिक पदक है। लंदन में विजय कुमार ने पुरुष 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में रजत जबकि गगन नारंग ने पुरुष 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता था। रियो ओलंपिक 2016 और तोक्यो ओलंपिक से भारतीय निशानेबाज खाली हाथ लौटे थे।
हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 22 साल की मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता।
भारतीय निशानेबाज जब बाहर हुईं तो दक्षिण कोरिया की येजी किम से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं जिन्होंने अंतत: 241.3 अंक के साथ रजत पदक जीता।
किम की हमवतन ये जिन ओह ने 243.2 अंक से फाइनल के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा ले रही मनु तोक्यो ओलंपिक से खाली हाथ लौटीं थीं।
मनु ने कहा, ‘‘तोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी और मुझे इससे उबरने में बहुत लंबा समय लगा। सच कहूं तो मैं यह नहीं बता सकती कि आज मैं कितना अच्छा महसूस कर रही हूं।’’
मनु का तोक्यो ओलंपिक में इसी स्पर्धा के क्वालिफिकेशन के दौरान पिस्टल में खराबी के कारण आंसुओं के साथ अभियान समाप्त हो गया था लेकिन आज उनके चेहरे पर मुस्कान थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ लड़ रही थी। मैं आभारी हूं कि कांस्य पदक जीत सकी। मैंने भगवद गीता पढ़ी है और हमेशा वही करने की कोशिश की जो मुझे करना चाहिए, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया।’’
पच्चीस मीटर पिस्टल स्पर्धा की विश्व चैंपियन निशानेबाज ने कहा, ‘‘हम भाग्य से नहीं लड़ सकते।’’
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