नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने हत्या के प्रयास से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति को महज नौ महीने की कैद और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अदालत के इस फैसले के बाद दोषी को रिहा कर दिया जाएगा, क्योंकि वह पहले ही नौ महीने से अधिक समय तक हिरासत में रह चुका है।
हालांकि, मामले में लागू भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या के प्रयास के अपराध में 10 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है। अपराध में पीड़ित के घायल होने की सूरत में जेल की अवधि उम्रकैद में बदली जा सकती है।
नवीन सिंह ने शराब खरीदने के लिए पैसे देने से इनकार करने पर अपने चचेरे भाई मुकेश पर सर्जिकल ब्लेड से हमला कर दिया था। यह वारदात 17 नवंबर 2017 को हुई थी, जिसमें मुकेश गंभीर रूप से घायल हो गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल पाहुजा की अदालत ने नवीन को आईपीसी की धारा-307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी करार देते हुए उसे नौ महीने की कैद और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि, वह जेल में नौ महीने से अधिक की अवधि पहले ही गुजार चुका है, इसलिए उसे आजाद कर दिया जाएगा।
अदालत ने नवीन की सजा निर्धारित करते समय नरम रुख अपनाया, क्योंकि पीड़ित मुकेश ने कहा कि वह अपने दोषी चचेरे भाई (नवीन) को माफ कर चुका है और आपसी मतभेद सुलझाने के बाद दोनों “सद्भाव से रह रहे हैं।”
न्यायमूर्ति पाहुजा ने 25 नवंबर को पारित आदेश में कहा, “अदालत में मौजूद शिकायतकर्ता (मुकेश) ने कहा है कि दोषी उसका चचेरा भाई है और उनके बीच कोई मनमुटाव नहीं है, इसलिए वह दोषी से कोई मुआवजा नहीं चाहता है और सजा का निर्धारण करते समय उसके खिलाफ नरम रुख अपनाने का भी आग्रह करता है।”
अदालत ने कहा कि पीड़ित ने दोषी को माफ कर दिया है और दोनों आपसी मतभेद सुलझाकर “सद्भाव से रह रहे हैं।” उसने कहा कि नवीन का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसकी “सामाजिक पृष्ठभूमि अच्छी है।”
अदालत ने कहा, “दोषी की मानसिक बीमारी से जुड़े चिकित्सा रिकॉर्ड भी पेश किए गए हैं, जो दर्शाते हैं कि उसका पिछले 20 साल से इलाज किया जा रहा है।”
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