ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के साथ बैठक को बताया ‘अपमानजनक’, अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल की CM पर लगाया ‘नौटंकी’ करने का आरोप
ममता बनर्जी और पीएम मोदी (Photo Credits-PTI)

नयी दिल्ली, 20 मई. पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कोविड-19 के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ बैठक में कई मुख्यमंत्रियों (Chief Ministers) को बोलने नहीं दिया गया और उनका अपमान हुआ, जिस पर केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह ‘नौटंकी’ कर रही हैं. ममता बनर्जी ने मोदी की बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक को ‘सुपर फ्लॉप’ (Super Flop) करार दिया, वहीं केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों ने कहा कि बनर्जी का प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठकों में शामिल नहीं होने का इतिहास रहा है, चाहे वह महामारी पर हो या उससे पहले हुई हों. मोदी की बातचीत मुख्य रूप से जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ तय थी जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए जहां ये अधिकारी तैनात हैं. यह भी पढ़ें- Narada Sting Case: राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर भड़के TMC सांसद कल्याण बनर्जी, लगाया ये बड़ा आरोप.

केंद्र सरकार के अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बातचीत में आरोप लगाया कि बनर्जी ने मोदी के साथ बैठक में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के जिलाधिकारी को बोलने नहीं दिया ताकि बाद में ‘नौटंकी’ कर सकें. इन अधिकारियों ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों के जिलाधिकारियों ने बैठक में अपनी बात रखी. बनर्जी ने कहा था कि उन्हें और अनेक राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बोलने नहीं दिया गया जो उनके अपमान की तरह है.

बनर्जी ने यह दावा भी किया कि केवल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक में बोलने दिया गया, जबकि दूसरों को ‘कठपुतली’ बनाकर रख दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘यह अनौपचारिक और सुपर फ्लॉप बैठक थी.’’ बनर्जी ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अपमानित महसूस कर रहे हैं. यह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. प्रधानमंत्री मोदी में असुरक्षा की भावना इतनी ज्यादा है कि उन्होंने हमारी बात ही नहीं सुनी.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ना तो यह पूछा कि पश्चिम बंगाल कोविड के हालात से किस तरह निपट रहा है और ना ही उन्होंने टीकों तथा ऑक्सीजन के भंडार के बारे में पूछा.