
कोलकाता, 31 मार्च पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसे उकसावे में न आएं जिससे सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं।
बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार राज्य के लोगों के साथ खड़ी रहेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य में कोई भी तनाव पैदा न कर सके।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यहां ‘रेड रोड’ पर ईद की नमाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दंगे भड़काने के लिए उकसाने की कोशिश की जा रही है, कृपया इस प्रकार के जाल में न फंसें। पश्चिम बंगाल सरकार अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी है। राज्य में कोई भी तनाव पैदा नहीं कर सकता।’’
बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर उन्हें (भाजपा को) अल्पसंख्यकों से समस्या है तो क्या वे देश का संविधान बदल देंगे?’’
उन्होंने भाजपा की ‘‘विभाजनकारी राजनीति’’ के प्रति अपना विरोध दोहराते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास रखती हैं। मुख्यमंत्री ने ‘‘भाजपा की विभाजनकारी राजनीति’’ को ऐसी ‘‘जुमला राजनीति’’ कहा जिसका उद्देश्य लोगों को विभाजित करना है।
मुख्यमंत्री ने वामपंथियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लाल और भगवा एक हो गए हैं। लेकिन निश्चिंत रहें, मैं आपको कोई नुकसान होने नहीं दूंगी।’’
उन्होंने सद्भाव और एकता के महत्व पर बल दिया और बार-बार जोर देते हुए कहा, ‘‘उकसावे में न आएं।’’
इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए पार्टी की एकजुटता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले (2024) लोकसभा चुनावों में, हमने मिलकर भाजपा को रोका।’’
तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, ‘‘भाजपा कहती है ‘हिंदू खतरे में हैं’ और उनके सहयोगी कहते हैं ‘मुसलमान खतरे में हैं’। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वे सांप्रदायिक राजनीति का चश्मा उतार फेंके। सच तो यह है कि उनकी राजनीति की वजह से पूरा देश खतरे में है। अगर वे पश्चिम बंगाल में विभाजन की कोशिश करते हैं तो हम इसका विरोध करेंगे।’’
उन्होंने अंतर-धार्मिक एकता का संदेश भी साझा किया और कहा, ‘‘चांद का कोई धर्म नहीं होता।’’
डायमंड हार्बर के सांसद ने लोगों से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें एकता बनाए रखनी चाहिए और मिलकर रहना चाहिए।’’
उन्होंने ऐलान किया, ‘‘मैं अपनी जान दे दूंगा, लेकिन अपने सिद्धांतों से नहीं भटकूंगा।’’
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में विभाजन पैदा करने और सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने के प्रयासों से लड़ती रहेगी।
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