कोलकाता, 22 नवंबर पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कदम का शुक्रवार को उपहास उड़ाते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के ‘प्रत्यक्ष या परोक्ष’ समर्थन के बिना भ्रष्टाचार संभव नहीं है।
भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं नौकरशाह चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए चंदा जुटाने में लगे हैं।
एक दिन पहले ही बनर्जी ने निचले स्तर के पुलिसकर्मियों के एक तबके पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए सीआईडी में ‘पूर्ण फेरबदल’ की शुरुआत करने की घोषणा की थी।
अधिकारी ने दावा किया, ‘‘अगर ममता बनर्जी को सत्ता में 13 साल रहने के बाद सुधारों की जरूरत का एहसास हुआ है, तो उन्हें सबसे पहले चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्ट व्यक्तियों और माफियाओं से वसूले गए 1,600 करोड़ रुपये वापस करने चाहिए।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री नुकसान भरपाई की हताश प्रयास कर रही हैं, आधा-अधूरा सच बता रही हैं और खुद से विरोधाभासी बयान दे रही हैं। अगर वह वास्तव में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती हैं, जैसा कि वह दावा कर रही हैं, तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि आईपीएस अधिकारियों और नौकरशाहों के एक वर्ग ने चुनावी बॉन्ड के लिए धन जुटाने में उनकी मदद की है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार का स्रोत हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री कनिष्ठ अधिकारियों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भ्रष्टाचार की बड़ी व्यवस्था उनकी पार्टी की नीतियों और प्रथाओं का परिणाम है।’’
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