उद्धव ठाकरे, अजीत पवार के खिलाफ मेरी कथित टिप्पणियों का वीडियो सार्वजनिक करें: देशमुख ने फडणवीस को चुनौती दी
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नागपुर, 25 जुलाई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दी कि वह उनके खिलाफ उस वीडियो को सार्वजनिक करें, जिसमें वह राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं. देशमुख ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''फडणवीस को वीडियो सार्वजनिक करना चाहिए क्योंकि मैं जानता हूं कि उनके पास कोई क्लिप नहीं है.'' साथ ही देशमुख ने हाथ में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए कहा कि इसमें उन आरोपों से जुड़े सबूत हैं, जो मैंने फडणवीस पर लगाए हैं.

उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पर फिर से आरोप लगाया कि तीन साल पहले भाजपा नेता फडणवीस ने उन पर हलफनामा देने और उद्धव ठाकरे, अजीत पवार, आदित्य ठाकरे तथा अनिल परब के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का दबाव बनाया था. जब देशमुख से उनके हाथ में मौजूद पेन ड्राइव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें उन आरोपों से जुड़े सबूत हैं, जो मैंने फडणवीस पर लगाए हैं. उन्होंने कहा, ''अगर मुझे चुनौती दी गई तो मैं अपने पास मौजूद वीडियो सबूतों को उजागर कर दूंगा. मैं बिना सबूत के कुछ नहीं बोलता.'' देशमुख ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि फडणवीस के एक ‘बिचौलिये’ ने उन्हें मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए (तत्कालीन) महा विकास आघाडी सरकार के बड़े नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने को कहा था. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: मेकअप इंस्टिट्यूट में चल रही थी धर्मांतरण मुहिम, छात्रों ने लगाएं संचालिका पर आरोप, यूपी के मुरादाबाद की घटना-Video

फडणवीस ने इस आरोप का खंडन किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उन पर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं. महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय भी संभाल रहे फडणवीस ने बुधवार को देशमुख के आरोपों को निराधार करार दिया था इन आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘ अनिल देशमुख को पता होना चाहिए कि उनकी ही पार्टी के नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार या विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के विरूद्ध उनकी टिप्पणियों वाले कई दृश्य-श्रव्य सबूतों के साथ मुझसे मुलाकात की है. यदि मुझपर झूठे आरोप लगाये जाते हैं तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा.’’