नयी दिल्ली, 2 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति की कार्यवाही के बारे में गलत विमर्श बनाने की कोशिश की. मोइत्रा पर लोकसभा में ‘रिश्वत लेकर सवाल’ पूछने का आरोप है. दुबे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ घंटे पहले आचार समिति के विपक्षी सदस्य मोइत्रा के साथ बैठक से बाहर चले गए और समिति के अध्यक्ष पर तृणमूल नेता से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया.
दुबे ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि समिति कारोबारी दर्शन हीरानंदानी द्वारा दायर हलफनामे पर मोइत्रा से पूछताछ करने के लिए बाध्य है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष इस तथ्य से परेशान है कि समिति का नेतृत्व एक ओबीसी सदस्य कर रहा है. दुबे ने कहा, ‘‘वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं.’’ भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि उनके और अन्य द्वारा आचार समिति को मुहैया कराए गए सभी सबूतों के बाद ‘कोई ताकत’ मोइत्रा को नहीं बचा सकती.
मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने हीरानंदानी के इशारे पर सवाल पूछे और दुबई में रहने वाले एक जाने-माने कारोबारी परिवार के वंशज से रिश्वत ली. दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आचार समिति के पास भेज दिया था.
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