नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर : कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार ने सत्ता में रहते हुए राज्य के लोगों की भलाई की बजाय अपने ‘‘कॉरपोरेट मित्रों’’ को लाभ पहुंचाया है. कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नवंबर 2023 में अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के एक प्रमुख सलाहकार को केंद्र की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) में नियुक्त किया गया, जो एजीईएल जैसी कंपनियों द्वारा बनाई गई जलविद्युत परियोजनाओं के प्रस्तावों को मंजूरी देती है.
उन्होंने कहा कि इसके तुरंत बाद, दिसंबर 2023 में कोल्हापुर के 100 से अधिक गांवों के निवासी एजीईएल की 7,000 करोड़ रुपये की पटगांव पंप स्टोरेज परियोजना के खिलाफ आंदोलनरत होने लगे थे. रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि चूंकि कोल्हापुर कम वर्षा और पानी की सीमित उपलब्धता से जूझ रहा है तथा परियोजना को अनुमति दिए जाने से पहले कोई सार्वजनिक बैठक आयोजित नहीं की गई थी, इसलिए स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे पानी की स्थिति और खराब होगी. उन्होंने कहा, ‘‘चिंता की बात ये है कि यह अदाणी की उन तीन परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें पश्चिमी घाटों के पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में मंजूरी मिली है.’’ यह भी पढ़ें : Internet Down: भर्ती परीक्षा के कारण असम में 7 घंटे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा रही बंद
कांग्रेस नेता ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों में इन ‘‘लाल श्रेणी’’ परियोजनाओं को अनुमति देने के लिए ‘‘कानून की चुनिंदा तरीके से व्याख्या’’ की है. रमेश ने दावा किया कि अदाणी के अपने पर्यावरण मूल्यांकन में निर्माण के दौरान वनों को भारी नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन फिर भी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ‘महायुति’ द्वारा कानूनी प्रक्रिया में की गई छेड़छाड़ से स्थानीय समुदायों और स्थानीय पर्यावरण पर स्पष्ट रूप से गंभीर प्रभाव पड़ेगा. कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले आई है.