अकोला/पुणे, 15 मई: महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अकोला शहर और शेगांव में पिछले दो दिन में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के सिलसिले में 130 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और 13 अन्य लोग घायल हो गये. साम्प्रदायिक हिंसा ने पुलिस के लिए अन्य इलाकों में संभावित हिंसा को रोकने की चुनौती पेश की है. यह भी पढ़ें: Akola Violence: महाराष्ट्र के अकोला में दो गुटों में हिंसा झड़प, उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को पहुंचाया नुकसान, धारा 144 लागू
राज्य के मंत्री गिरीश महाजन ने दावा किया कि अकोला में हुई हिंसा संभवतः ‘‘पूर्व नियोजित’’ थी, वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुछ संगठन और लोग हैं जो चाहते हैं कि राज्य अस्थिर हो, लेकिन सरकार उन्हें सबक सिखाएगी.
पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एक धार्मिक पोस्ट को लेकर अकोला के संवेदनशील ओल्ड सिटी इलाके में शनिवार रात हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो पुलिसकर्मियों सहित आठ अन्य घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था. पुलिस के अनुसार दोनों गुटों के लोगों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके और जमकर तोड़फोड़ की. दंगाइयों ने हिंसा के दौरान कुछ दोपहिया और चार पहिया वाहनों में आग लगा दी.
इसके अलावा पश्चिम महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के शेगांव गांव में रविवार रात जुलूस निकालने को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम पांच लोग घायल हो गए. पुलिस ने सोमवार को कहा कि पथराव में कई दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. पुलिस ने इस साम्प्रदायिक हिंसा के सिलसिले में अब तक 132 लोगों को हिरासत में लिया है- अकोला में 100 से अधिक जबकि शेगांव में 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अहमदनगर जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर स्थित शेगांव में 150 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए. अकोला में हिंसा के बाद, जिलाधिकारी नीमा अरोड़ा ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू का आदेश दिया. अधिकारी ने बताया कि सोमवार को शहर कोतवाली और रामदास पेठ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गयी.
हालांकि, डाबकी रोड और ओल्ड सिटी थाना अंतर्गत क्षेत्रों के भीतर रात में (रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के बीच) कर्फ्यू लागू रहेगा, जबकि दिन के समय कुछ छूट दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए अकोला और शेगांव में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को पुलिस को अकोला और शेगांव में दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया और लोगों से शांति और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘अकोला और शेगांव में स्थिति अब नियंत्रण में है और पुलिस बल तैनात है। राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने व्यक्तिगत रूप से अकोला का दौरा किया, जबकि राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शेगांव में स्थिति की समीक्षा की. ’’
पुणे में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कुछ ऐसे संगठन एवं लोग हैं जो चाहते हैं कि राज्य अस्थिर रहे लेकिन सरकार उन्हें सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह शत-प्रतिशत सच है कि कुछ ऐसे लोग और संगठन हैं जो चाहते हैं कि राज्य अस्थिर रहे. लेकिन सरकार उन्हें बेनकाब करेगी और उन्हें सबक सिखायेगी.’’
इससे पूर्व राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने दावा किया कि अकोला में दो समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प संभवत: ‘‘सुनियोजित साजिश’’ के तहत हुई। महाजन ने रविवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि घटना सुनियोजित थी. कुछ मकान और वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’
महाजन ने हिंसा में मारे गए व्यक्ति विलास गायकवाड़ (40) के परिवार से भी मुलाकात की और संवेदना प्रकट की. महाजन ने कहा कि राज्य सरकार ने हिंसा में मारे गए व्यक्ति के परिवार के लिए चार लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है. औरंगाबाद में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने दावा किया कि मुस्लिम मतों को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की ओर जाने से रोकने के लिए महाराष्ट्र में दंगे भड़काए जा रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि जब से एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस गठबंधन सत्ता में आया है, साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है. इस बीच, नासिक जिले के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने एक अलग धर्म के लोगों के एक समूह के प्रयास को विफल कर दिया, जिन्होंने शनिवार रात मंदिर परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की.
मंदिर प्रबंधन के अनुसार, केवल हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर ट्रस्ट ने पुलिस को शिकायत दी है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
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